लखनऊ : कोविड के प्रकोप के हल्के पड़ते ही भारत में अब मंकीपॉक्स ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से इसके मामले सामने आने लगे हैं। लगातार मामलों के सामने आने के बाद अब देश के हेल्थ एक्सपर्ट भी हरकत में आ गए हैं, वहीं केंद्र सरकार ने भी राज्यों को अलर्ट कर दिया है। दूसरी ओर दुनिया के कई हिस्सों में मंकीपॉक्स के तेजी से बढ़ने के चलते संयुक्त राष्ट्र एजेंसी भी इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर चुकी है। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसको लेकर कई तरह की गाइडलाइन्स जारी की हैं। संगठन द्वारा प्रमुख रूप से पुरुषों के सेक्सुअल बिहेवियर को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मई में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आने के बाद से 98 प्रतिशत मामले बायसेक्सुअल और पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में पाए गए हैं। मंकीपॉक्स के लगभग 99ः मामले पुरुषों में होते हैं और उनमें से कम से कम 95ः मरीज पुरुष वो होते हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं। एक स्टडी में भी पाया गया कि 98 प्रतिशत संक्रमित लोग गे या बायसेक्सुअल थे और 95 प्रतिशत मामले सेक्सुअल एक्टिविटी से फैले थे। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस घेब्रेयसस ने कहा कि पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों को अपने और दूसरों के लिए सुरक्षित विकल्प बनाना चाहिए। इसके लिए सेक्सुअल पार्टनर्स की संख्या भी कम करनी चाहिए।
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मंकीपॉक्स के मरीज खुद को करें आइसोलेट -
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज को खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए और किसी भी भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए। साथ ही किसी भी फिजिकल कॉन्टेक्ट या फिर नए सेक्सुअल पार्टनर बनाने से भी बचना चाहिए। इसके अलावा भी कई स्वास्थ्य एजेंसियों ने मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीजों से स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट न रखने की सलाह दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसारए मंकीपॉक्स किसी मरीजए उसके कपड़ों या बेडशीट के संपर्क में आने वाले को भी संक्रमित कर सकता है। स्वास्थ्य एजेंसी ने चेतावनी दी है कि कमजोर इम्यूनिटी वालों जैसे कि बच्चों या गर्भवती महिलाओं में यह बीमारी अधिक गंभीर हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसारए मंकीपॉक्स स्पष्ट रूप से सेक्स के दौरान फैलाए लेकिन उन्होंने अभी तक यह निष्कर्ष नहीं निकाला है कि यह यौन संचारित संक्रमण था या नहीं।
कैसे फैल रहा मंकीपॉक्स -
विशेषज्ञों के अनुसार, मंकीपॉक्स मुख्य रूप से सेक्स के दौरान फैल रहा है, लेकिन ये वायरस करीबी शारीरिक संपर्क से भी फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति के परिवार के सदस्य को गले लगने या किस करने से भी आप इसकी चपेट में आ सकते हैं। ये संक्रमित व्यकित का तौलिया या बिस्तर शेयर करने से भी हो सकता है। इस समय मंकीपॉक्स के कई ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैंए जिसमें महिलाएं और छोटे बच्चे भी इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। अगर घाव संक्रमित व्यक्ति के मुंह में हो तो मंकीपॉक्स ड्रॉपलेट्स से भी फैल सकता है, लेकिन इसकी संभावना भी तब है जब आप संक्रमित व्यक्ति के बिल्कुल सामने खड़े होकर देर तक बातें करें।
ये होते हैं लक्षण -
कुछ अध्ययन और विशेषज्ञों के अनुसार, ज्यादातर लोग जो मंकीपॉक्स से संक्रमित होते हैं, वो दो से चार सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। इस वायरस की वजह से शरीर में रैशेज पड़ जाते हैं, जिनसे बहुत दर्द होता है। पहले के मामलों में मंकीपॉक्स फ्लू के समान लक्षणों के साथ शुरू होता था और उसके बाद दाने होते थे जो पूरे शरीर में फैल जाते थे लेकिन वर्तमान प्रकोप में मंकीपॉक्स के लक्षण असामान्य तरीके के हैं। कुछ लोगों को पहले चकत्ते होते हैं, फिर फ्लू के लक्षण आते हैं, जबकि कुछ लोगों में बिना किसी फ्लू के लक्षण के ही दाने होते हैं। बहुत से लोगों को प्राइवेट पार्ट के पास रैशेज महसूस हो रहे हैं।
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