ISRO Sun Mission: अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत एक और कीर्तिमान रचने के बेहद करीब है। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद से इसरो के इतिहास रचने का सिलसिला जारी है। नए साल की शुरुआत में जहां इसरो ने ब्लैक हॉल का अध्ययन करने के लिए एक उपग्रह लॉन्च कर दुनिया में धाक जमाई तो वहीं अब भारत का पहला सन मिशन आदित्य एल-1 (लैंग्रेज प्वाइंट) शनिवार शाम 4 बजे अपने लक्ष्य पर पहुंचेगा। इसरो इसे कमांड देगा और एल-1 (Aditya-L1) प्वाइंट हेलो ऑर्बिट तक ले जाएगा।
15 लाख KM की यात्रा कर अपने गंतव्य तक पहुंचेगा Aditya-L1
इसके साथ ही 2 सितंबर को सुबह 11:50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से शुरू हुई सूर्य की 15 लाख किमी की यात्रा अपने गंतव्य तक पहुंच जाएगी। बता दें कि सूर्य का अध्ययन करने वाला यह देश का पहला मिशन है। इस मिशन की सफलता पर अमेरिका के बाद भारत ही एकमात्र ऐसा देश होगा जिसका अंतरिक्ष यान इस मुकाम तक पहुंचेगा।
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ISRO का महत्वपूर्ण मिशन
अपने इस महत्वाकांक्षी मिशन के आखिरी चरण के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पूरी तरह तैयार है। दरअसल आदित्य एल-1 मिशन को पांच साल के लिए बनाया गया है। हालांकि अगर सही सलामत रहा तो यह 10-15 साल तक काम कर सकता है। इसके साथ ही सूर्य से जुड़ा डेटा भी भेज सकता है।
यह मिशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ ही देश सूर्य के बेहद करीब मिशन भेजने में सफल रहे हैं। इसके लैग्रेंजियन बिंदु तक पहुंचना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां पृथ्वी और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल एक दूसरे को अपनी ओर खींचता है।
कब-क्या-क्या हुआ
- 2 सितंबर 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य एल-1 का प्रक्षेपण।
- 3 से 15 सितंबर को अंतरिक्ष यान ने विभिन्न चरणों को पूरा किया।
- 19 सितंबर को सूर्य-पृथ्वी एल-1 प्वाइंट की ओर बढ़ा।
- 30 सितंबर को पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकला।
- 1 दिसंबर को आदित्य एल-1 सोलर विंड पार्टिकल्स एक्सपेरिमेंट में सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर पेलोड शुरू।
- 6 जनवरी को आदित्य एल-1 यान गंतव्य कक्षा में पहुंचेगा।
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