मंडी : आईआईटी मंडी (IIT Mandi) ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मेगा जी20 और एस20 मीट का शुभारंभ किया। इस दौरान विभिन्न प्रमुख हितधारकों और विशेषज्ञों को एक साथ लाने के उद्देश्य से सामूहिक रूप से एक साथ काम करने के लिए विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई, ताकि समावेशी और सतत विकास के उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रगति में तेजी लाई जा सके।
IIT मंडी (IIT Mandi) में G20-S20 कार्यक्रम में, IIT मंडी और IIT धनबाद के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष, प्रोफेसर प्रेम व्रत ने कहा कि योग सबसे पुरानी भारतीय विरासत है, जिसे अब दुनिया ने मान्यता दी है। यह विश्व को भारत का सर्वश्रेष्ठ योगदान है। यह हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
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जी20-एस20 मीट के प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए आईआईटी मंडी (IIT Mandi) के प्रो. निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि इस मेगा इवेंट की थीम राज्य और देश की तकनीकी हस्तक्षेप की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तय की गई है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, आईआईटी खड़गपुर की डॉ. ऋचा चोपड़ा ने कहा कि अच्छा मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति अपनी क्षमताओं को समझता है। योग के बायोमेडिकल साइकोफिजियोलॉजी के बारे में बताते हुए हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के विभागीय प्रोफेसर डॉ. सत बीर खालसा ने कहा कि योग एक प्राचीन व्यवहार अभ्यास है, जो मन-शरीर जागरूकता या दिमागीपन और शारीरिक स्वास्थ्य के कौशल के विकास को सक्षम बनाता है। आयुर्वेद के अभिन्न अंग के रूप में योग पर क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, मंडी के प्रभारी सहायक निदेशक डॉ. राजेश सैंड ने चर्चा की।
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