बिहार में विपक्षी एकता की बैठक पर मायावती ने कसा तंज, बोलीं-’दिल मिले न मिले, हाथ मिलाते रहिए’
Published at 22 Jun, 2023 Updated at 22 Jun, 2023
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे और 23 जून को नीतीश कुमार की पटना में विपक्षी नेताओं की मुलाकात से ’दिल मिले न मिले, हाथ मिलते रहे’ वाली कहावत चरितार्थ होगी। बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को ट्वीट के जरिए लिखा कि लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल जिन मुद्दों को उठा रहे हैं, उन पर बिहार में बैठक हो रही है। यह ’दिल मिले न मिले, हाथ मिलाते रहिए’ वाली कहावत को चरितार्थ करता है।
उन्होंने आगे लिखा, अगले चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए अगर ये पार्टियां तैयारियों से पहले ही आम लोगों के बीच विश्वास पैदा कर लेतीं तो बेहतर होता। उन्हें अपने गिरेबान में झांक कर थोड़ा अपनी नियत साफ करनी चाहिए। कब तक चलेगा ’मुंह में राम, बगल में छुरी’? मायावती ने कहा कि देश में महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अशिक्षा, जातीय घृणा, धार्मिक हिंसा आदि से जूझ रहे बहुजनों का हाल बेहाल है। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस, भाजपा जैसी पार्टियों में भीमराव आंबेडकर के मानवतावादी समतावादी संविधान को सही ढंग से लागू करने की क्षमता नहीं है।
उन्होंने कहा कि यूपी में 80 लोकसभा सीटों को चुनावी सफलता की कुंजी कहा जाता है, लेकिन विपक्षी दलों के रवैये से नहीं लगता कि वे यहां अपने उद्देश्य को लेकर गंभीर हैं और वास्तव में चिंतित हैं। क्या सही प्राथमिकताओं के बिना यहां लोकसभा चुनाव की तैयारियां सचमुच जरूरी बदलाव ला पाएंगी? गौरतलब है कि 23 जून को नीतीश कुमार के नेतृत्व में 19 गैर बीजेपी राजनीतिक दलों की बैठक पटना में होने वाली है। जहां 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए साझा रणनीति बनाने पर चर्चा होगी।
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इस बैठक का मकसद है कि 2024 में बीजेपी के विजय रथ को कैसे रोका जाए। पिछले दो महीने से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों के नेताओं से मिलकर उन्हें एकजुट कर रहे हैं। कांग्रेस की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार के इस बैठक में शामिल होने की संभावना है।
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