लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने फिर दोहराया है कि उनकी पार्टी किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी। वह अकेले दम पर चार राज्यों के विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने दोनों गठबंधनों को जातिवादी और पूंजीवादी पार्टियां करार दिया है।
बुधवार सुबह मायावती ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से चार ट्वीट किए। अपने पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि ’एनडीए और इंडिया गठबंधन में ज्यादातर गरीब विरोधी, जातिवादी, सांप्रदायिक, धन्ना सेठ समर्थक और पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं, जिनकी नीतियों के खिलाफ बीएसपी लगातार संघर्ष कर रही है और इसलिए गठबंधन में चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। इसलिए मीडिया से अपील है कि कृपया कोई फर्जी खबर न डालें।’2. बीएसपी, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनकेे गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी। मीडिया बार-बार भ्रान्तियाँ न फैलाए।
— Mayawati (@Mayawati) August 30, 2023
दूसरे और तीसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा कि बसपा विरोधियों की जुगाड़/जोड़-तोड़ से ज्यादा 2007 की तरह आपसी भाईचारे के आधार पर उपेक्षित/बिखरे हुए समाज के करोड़ों लोगों को अपने गठबंधन से जोड़कर आगामी लोकसभा और चार राज्यों में लड़ेंगे। विधानसभा चुनाव मीडिया को लेकर बार-बार गलतफहमियां नहीं फैलानी चाहिए। वैसे तो यहां हर कोई बसपा से गठबंधन के लिए उत्सुक है, लेकिन विपक्ष ऐसा न करने पर बिल्ली खंभा नोचे की तरह बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाता है। उनसे मिलें तो सेक्युलर हैं, न मिलें तो भाजपाई हैं। यह तो घोर अनुचित है और यदि अंगूर मिले तो अच्छा, नहीं तो अंगूर खट्टे हैं, यह कहावत जैसी है। ये भी पढ़ें..योगी सरकार के मंत्री ने स्वामी प्रसाद मौर्य को बताया ‘पागल’,... चौथे ट्वीट में उन्होंने बसपा से निष्कासित पूर्व विधायक के संदर्भ में लिखा, ’’इसके अलावा, सहारनपुर के पूर्व विधायक बसपा से निष्कासित होने के बाद कांग्रेस और उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा करने में लगे हुए हैं, जिसके कारण लोगों का यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या उन्होंने पहले यह पार्टी क्यों छोड़ी और फिर दूसरी पार्टी में क्यों चले गये? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा कर सकती है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)4. इसके अलावा, बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?
— Mayawati (@Mayawati) August 30, 2023