लखनऊः शनिवार को यूपी एसटीएफ ने बड़ी कामयाबी पाते हुए अन्तर्राज्यीय स्तर पर मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह के 09 सदस्यों को 15.16 कुन्तल अवैध गांजे के साथ गिरफ्तार कर लिया। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लगभग 3.75 करोड़ रूपये है। मादक पदार्थों के खिलाफ यूपी में सरकार ने तस्करों की कमर तोड़ने की नीति बना रखी है इसी के चलते पूरे यूपी में पुलिस सतर्क मोड में मादक पदार्थ करने वालों की सूचनाएं एकत्र कर तस्करों के नेटवर्क को तोड़ना चाहती है।
तस्करों पर नकेल कसने को तैयार यूपी एफटीएफ
यूपी एसटीएफ. के द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले अपराधियों व तस्करों की नाक में नकेल कसने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों व टीमों को तस्करों पर लगाम लगाने के लिए निर्देशित किया गया था। जिसके अनुपालन में नोएडा एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राज कुमार मिश्रा, उप निरीक्षक अक्षय पीके त्यागी व नोएडा की फील्ड इकाई के नेतृत्व में जानकारी इकट्ठा करनी शुरू की जाने लगी।
ग्वालियर-आगरा के रास्ते मथुरा जाने की मिली सूचना
इसी दौरान एसटीएफ की टीम शनिवार तीन सितम्बर को आगरा में थी कि उसी दौरान टीम को मुखबिर एवं विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ कि एक ट्रक जिसमें गांजा है, वह ग्वालियर-आगरा के रास्ते मथुरा की ओर जायेगा। एसटीएफ पूरी तरह सतर्क हो मथुरा जिले के थाना मोगरी की पुलिस के साथ समय 15.10 बजे, मथुरा के मगोर्रा के जाजमपट्टी रोड स्थित शनि मन्दिर पहुँचकर घेराबंदी करके मुरादाबाद निवासी मो. आलम, फुरकान, जुबैर आलम, बाबू, मुनादिर, इरशाद, फिरोज हुसैन, आगरा निवासी विनय उर्फ भूरा, उड़ीसा के कोरापुट निवासी सतीश को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से कुल 15.16 कुन्तल अवैध गांजे के साथ एक ट्रक (नम्बर यूपी-21-सीएन-2915) और एक बोलेरो कार (नम्बर यूपी-23-वाई- 4097), एक स्विफ्ट डिजायर कार (यूपी-14- बीएन-5265), 41,435 रूपये कैष व 12 मोबाइल की बरामदगी की गई।
उड़ीसा से आती थी गांजे की खेप
एसटीएफ की पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त मो० आलम (35) ने बताया कि वह पढा लिखा नही है। उसके गाँव का एक युवक फहीम था, जो उडीसा राज्य से अवैध गांजा लाकर बेचता था। आलम ने बताया कि दस वर्ष पूर्व वह आलम की गाड़ी में ड्राइवर था। फहीम द्वारा उसे प्रति ट्रिप एक लाख रूपया मिलता था। बताया कि वहाँ से काम सिखने के बाद उसने लगभग 4-5 साल से स्वंय अवैध गांजे का काम करना शुरू कर दिया था। आलम ने आगे बताया कि वह जनपद कोरापुट उडीसा के निवासी कार्तिक से लगभग ढाई हजार रूपये में माल लेने लगा था।
कैसे चल रहा था नषे का कारोबार
इसके लिए वह ट्रक को चालक के साथ 25 प्रतिशत रूपया एडवांस के तौर पर कैश देकर छत्तीसगढ़ में जगदलपुर के ट्रान्सपोर्ट नगर के पास इण्डियन ऑयल पैट्रोल पम्प पर भेजता था, और वहाँ से कार्तिक के आदमी गाडी को कोरापुट ले जाते थे (जबकि कोरापुट वहाँ से लगभग 70 किमी पडता था उसके बाद कार्तिक के आदमी गाडी में भूसी एवं सब्जी आदि में अवैध गांजा छिपाकर पैट्रोल पम्प पर गाड़ी को वापस लाकर मौ० आलम के ट्रक चालक को दे देते थे। कार्तिक अपने लडके सतीश को ट्रक के साथ भेज देता था। उसके पश्चात मो० आलम इस अवैध गांजे को बेचकर शेष धनराशि कैश के रूप में सतीश को दे देता था, उसके बाद सतीश वापस चला जाता था।
पहले भी पकड़ा जा चुका है आलम, पत्नी, साली भी जेल में
पूछताछ में मो० आलम ने बताया कि वर्ष 2016 में उसकी पत्नी ओर साली एक कुन्तल अवैध गांजे के थाना बेटहा, मुजफ्फरपुर बिहार में पकड़ी गयी थी, जहाँ से यह दोनो जेल गयी थी तथा न्यायालय से इन दोनो को 16-16 साल की सजा हुई और वर्तमान में इन दोनो को जेल में होना बताया। यह भी बताया कि एक वर्ष पहले वह थाना टोन कोरापुट, उड़ीसा में 20 कि०ग्रा० अवैध गांजे के साथ पकड़ा गया था और वह लगभग 9-10 माह बाद जेल से छूटा था।
पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेष में फैला है जाल
मो. आलम ने यह भी बताया कि उसकी मुलाकात उसके गाँव के रहने वाले एक युवक के माध्यम से भूरा उर्फ विनय से हुई थी और भूरा उर्फ विनय ज्यादातर अवैध गांजे को खरीदकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में बेचता था। भूरा उर्फ विनय ने पूछताछ में बताया कि वह अवैध गांजे का काम लॉकडाउन से कर रहा है। भूरा उर्फ विनय ने यह भी बताया कि वर्ष 2020 में उसकी पिकप गाडी में लगभग 90 कि०ग्रा० अवैध गांजा बरामद हुआ था, जिसमें वह वांछित था, और इस केस में वह 03 माह तक जेल में बन्द रहा था।
मौ० आलम ने यह भी बताया कि वह कार्तिक से कोरापुट, उडीसा में लगभग 02 लाख रूपया कुन्टल के हिसाब से गांजा खरीदता था, जिसको वह आगे लगभग साढ़े चार से पाँच लाख रूपये प्रति कुन्टल में बेच देता था, उसके बाद भूरा उर्फ विनय इस गांजे को साढ़े पाँच से साढ़े छः लाख रूपये प्रति कुन्टल के हिसाब से बेच देता था। उपरोक्त सम्बन्ध में थाना मोगरी जनपद मथुरा पर धारा 18/20 एनडीपीएस एक्ट का अभियोग पंजीकृत कराया गया है। अग्रिम विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
(पवन सिंह चौहान की रिपोर्ट)
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