Marigold Cultivation: एक समय था जब खूंटी समेत झारखंड के अधिकांश किसान धान, मक्का, मडुवा जैसी पारंपरिक खेती पर ही निर्भर थे और फसल भी मानसून पर निर्भर थी। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। अधिक आय अर्जित करने के लिए खूंटी जिले के किसानों ने अफीम जैसे जहरीले पदार्थ की खेती शुरू कर दी थी, लेकिन जिला प्रशासन, झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी, स्वयंसेवी संगठनों के प्रयासों से आज खूंटी जिले में हर तरफ गेंदाफूल (Marigold Cultivation) की गंध आने लगी है।
अब किसानों को इस बात की चिंता नहीं है कि अगर मानसून की बारिश नहीं भी हुई तो वे गेंदा की खेती कर धान जैसी फसल की भरपाई कर लेंगे। इस वर्ष खूंटी जिले के कर्रा, तोरपा और खूंटी प्रखंड में लाखों गेंदा के पौधे लगाये गये हैं। खेतों में रंग-बिरंगे फूलों की खूबसूरती और उनकी खुशबू (Marigold Cultivation) हर किसी का ध्यान खींच रही है। प्रदान संस्था के पदाधिकारी शशि कुमार सिंह ने बताया कि सिर्फ तोरपा प्रखंड में 237 किसानों के बीच 10 लाख गेंदा के पौधे बांटे गये हैं।
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