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Excise policy: मनीष सिसोदिया को कोर्ट से नहीं मिली राहत, 14 दिन और बढ़ी न्यायिक हिरासत

Delhi liquor scam: Manish Sisodia's bail plea to be heard on May 4
manish-sisodia नई दिल्लीः दिल्ली पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की मुश्किले काम नहीं हो रही है। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला में मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए और बढ़ा दी है। सिसोदिया अब 29 अप्रैल तक जेल में रहेंगे। स्पेशल जज एमके नागपाल ने ये आदेश दिया। आज सिसोदिया की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद कोर्ट में पेश किया गया था। 5 अप्रैल को कोर्ट ने सिसोदिया को आज तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था। सिसोदिया की जमानत याचिका पर कल यानी 18 अप्रैल को सुनवाई होनी है। दरअसल 12 अप्रैल को ईडी ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि सिसोदिया मंत्री समूह के मुखिया थे और कैबिनेट के बारे में उनको सारी जानकारी थी। वे आबकारी नीति के बदलाव में मुख्य भूमिका में थे। ईडी ने कहा था कि नीति में फायदा पहुंचाने के बदले रिश्वत ली गई। ED ने कहा था कि मंत्री समूह की बैठक में लाइसेंस फीस और प्रॉफिट मार्जिन पर कोई चर्चा नहीं हुई। ईडी ने कहा कि मनीष सिसोदिया के पास 18 पोर्टफोलियो थे। उस समय वह लोगों से मिलते थे। कुछ लोग उनकी पत्नी का ख्याल रखते थे, ऐसे में जमानत के लिए मनीष सिसोदिया अपनी पत्नी की सेहत का हवाला नहीं दे सकते। ये भी पढ़ें..WPI Inflation: आम आदमी को बड़ी राहत, थोक महंगाई दर 29 महीनों के सबसे निचले स्तर पर जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सिसोदिया (Manish Sisodia) की ओर से कहा गया कि सिसोदिया के खिलाफ मनी लांड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है। सिसोदिया के वकील ने कहा कि ईडी का पूरा केस सीबीआई के केस पर ही आधारित है। उन्होंने कहा कि मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 3 के तहत किसी भी तरह का अपराध सिसोदिया ने नहीं किया। कोर्ट को यह देखना होगा कि क्या धारा 3 के तहत कोई उल्लंघन किया गया है। मनीष सिसोदिया की ओर से कहा गया कि दूसरी एजेंसियां पहले ही इस मामले की जांच कर रही हैं। सिसोदिया के वकील ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे यह पता चल सके कि सिसोदिया ने मनी लांड्रिंग का अपराध किया हो या उसमें शामिल हों। कथित अपराध की आय का एक भी पैसा सिसोदिया या उनके परिवार के किसी सदस्य के बैंक खाते में नहीं आया। उसका मनी लांड्रिंग के अपराध से कोई लेना देना नहीं है। सिसोदिया के वकील ने कहा कि जांच एजेंसी के अधिकारी अपनी सुविधा के अनुसार सिसोदिया के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं। इन अधिकारियों को नियंत्रण करने वाले उप-राज्यपाल द्वारा सिसोदिया के खिलाफ शिकायत की गई है। सिसोदिया के वकील ने कहा कि कैबिनेट ने मंत्री समूह बनाया। मंत्री समूह सभी राज्यों और केंद्र सरकार में भी होता है। मंत्री समूह आंकड़ों के आधार पर पॉलिसी में बदलाव का सुझाव देता है। इसके आधार पर आबकारी विभाग पॉलिसी को ड्राफ्ट करता है। मंत्री समूह पॉलिसी को ड्राफ्ट नहीं करता है। इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। इससे पहले 26 फरवरी को सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)