Delhi Excise Policy Case, नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia ) की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही है। इस बीच पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कथित उत्पाद शुल्क मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत से बड़ा झटका लगा है।
15 मई तक बढ़ी न्यायिक हिरासत
कोर्ट ने मनीष सिसौदिया की न्यायिक हिरासत 15 मई तक बढ़ा दी है। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट की जज कावेरी बावेजा ने मामले में आरोप तय करने को लेकर आगे की बहस के लिए अगली तारीख भी तय कर दी है। 3 मई को दिल्ली हाई कोर्ट ने मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका पर ईडी-सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सिसौदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट के जमानत याचिका खारिज करने के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
कोर्ट ने सीबीआई और ईडी से मांगा था जवाब
जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान जज ने ईडी से पूछा कि जब सिसौदिया को हफ्ते में एक बार अपनी पत्नी से मिलने की इजाजत है तो अब इसे जारी रखने में क्या दिक्कत है। मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी।
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राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने 30 अप्रैल को सिसौदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। सिसौदिया दूसरी बार नियमित जमानत की मांग कर रहे थे। न्यायाधीश बवेजा के समक्ष सीबीआई की ओर से पेश अभियोजक पंकज गुप्ता ने कहा था कि सिसौदिया धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत देने की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं। वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं।
सिसोदिया पर लगे ये गंभीर आरोप
केंद्रीय जांच एजेंसी ने सिसोदिया पर मामले में मुख्य आरोपी होने का आरोप लगाया और कहा कि वह जांच में सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं, जो कि प्रारंभिक चरण में है, कुछ प्रमुख पहलुओं पर। गुप्ता ने यह भी कहा कि उन्हें हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिली है. बता दें कि सिसौदिया की जमानत याचिका फरवरी से लंबित है।
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