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मणिपुर हिंसा की आग में सुलग रहे मणिपुर में फंसे राजस्थान के कई छात्र, सुरक्षित घर पहुंचना शुरू

ashok gahlot
Ashok Gehlot Birthday Special जयपुर: मणिपुर हिंसा में फंसे प्रवासी राजस्थानी छात्रों को उनके सुरक्षित घर पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो गया है। इंफाल से इन छात्रों को लेकर पहली फ्लाइट सोमवार शाम जयपुर एयरपोर्ट पहुंची। इस फ्लाइट से 26 छात्र यहां पहुंचे। इन छात्रों के चेहरे पर अपने घर पहुंचने की खुशी साफ नजर आ रही थी। उन्होंने राज्य सरकार को सभी आवश्यक व्यवस्थाएं और मुफ्त सुविधाएं प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। आयुक्त राजस्थान फाउंडेशन एवं रेजिडेंट कमिश्नर नई दिल्ली धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप सरकार इन सभी राजस्थानी छात्रों को सकुशल उनके घर पहुंचाने का प्रयास कर रही है। इंफाल के केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले हनुमानगढ़ निवासी गजानंद चिंपा ने बताया कि वह अपने राज्य वापस आकर बहुत खुश हैं। राज्य सरकार द्वारा उठाए गए त्वरित कदमों और मणिपुर की विकट परिस्थितियों से उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए किए गए प्रबंधों से वह अभिभूत हैं। इसी विश्वविद्यालय के एक अन्य छात्र, गंगानगर निवासी नरेश विश्नोई ने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारी उसकी सुरक्षित वापसी को लेकर इतने संवेदनशील और चिंतित थे कि वह सुबह 3 बजे उठकर सूचित किया कि उसका टिकट पक्का है। ये भी पढ़ें..ATS की कार्रवाई: IPL क्रिकेट मैचों पर सट्टा लगाने के आरोप में नौ सटोरिए गिरफ्तार राजस्थान फाउंडेशन से जुड़े अधिकारियों ने छात्रों से लगातार संपर्क बनाए रखा और आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की। इंफाल के ट्रिपल आईटी में बीटेक के 16 वर्षीय छात्र योगेश ने कहा कि अधिकारियों ने उसे व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा और सभी से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मणिपुर में छात्रों को एक गश्ती दल के साथ सुरक्षा के बीच हवाई अड्डे तक ले जाया गया। फ्री फ्लाइट टिकट और रास्ते में खाने-पीने की फ्री व्यवस्था भी की गई। बता दें कि मणिपुर में फंसे प्रवासी राजस्थानियों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने सभी स्तरों पर त्वरित निर्णय लिए हैं। नई दिल्ली स्थित बीकानेर हाउस रेजिडेंट कमिश्नर ऑफिस ने राजस्थान फाउंडेशन के सहयोग से सहायता या सूचना की आवश्यकता वाले लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। सभी राजस्थानियों की जानकारी संकलित करने के लिए राजस्थान फाउंडेशन ने गूगल फॉर्म और Whatsapp ग्रुप भी बनाए हैं ताकि प्रभावित छात्रों को तुरंत हटाया जा सके। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)