Manipur Violence: मणिपुर में जारी हिंसा के भापजा की बीच एन। बीरेन सरकार को झटका लगा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सहयोगी कुकी पीपुल्स अलायंस (KPA) ने मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। कुकी पीपुल्स अलायंस (KPA) ने रविवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके को पत्र लिखकर भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की।
कुकी पीपुल्स एलायंस दो विधायक
केपीए प्रमुख तोंगमांग हाओकिप ने पत्र में कहा कि मौजूदा संघर्ष पर लंबे समय तक विचार करने के बाद मुख्यमंत्री एन। बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार को समर्थन जारी रखने का कोई मतलब नहीं है। बता दें कि मणिपुर विधानसभा में कुकी-जोमी समुदाय के 10 विधायक हैं, जिनमें से सात बीजेपी के और कुकी पीपुल्स एलायंस दो विधायक ( सिंघाट से चिनलुंगथांग और सैकुल से के।एच। होंगशिंग ) जबकि एक निर्दलीय विधायक शामिल है।
बता दें कि 04 मई 2023 को मणिपुर में मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में एक रैली के दौरान भड़की हिंसा अभी तक नहीं रुकी है। लगातार हिंसा और फायरिंग की घटनाएं हो रही हैं। हिंसा की इन घटनाओं को लेकर एन। बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को देशभर में विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
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क्या बीजेपी सरकार गिर जाएगी ?
भाजपा से KPA के अगल हो जाने पर एक ही सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या भाजपा की सरकार गिर जाएगी ? हालांकि, केपीए के कदम से सरकार को कोई खतरा होने की संभावना नहीं है। बीजेपी के पास सबसे ज्यादा 37 सीटें हैं। इसके अलावा पार्टी को पांच एनपीएफ, सात एनपीपी विधायक और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। मणिपुर में विपक्ष में कांग्रेस के पास पांच और जेडीयू के पास एक सीट है।
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