कोलकाताः कोयला तस्करी मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर को कलकत्ता हाई कोर्ट से राहत मिली है। ईडी के समन के खिलाफ मेनका गंभीर की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि उनसे पूछताछ दिल्ली में नहीं, कोलकाता में होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य की एकल पीठ ने आदेश दिया कि उनसे कोलकाता में ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ की जाए। इसके अलावा, जांच एजेंसी मेनका के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर सकती है। हाई कोर्ट ने टिप्पणी कि ईडी द्वारा उठाए गए गोपनीय दस्तावेजों का तर्क स्वीकार्य नहीं है। सूचना या दस्तावेज दिल्ली से कलकत्ता नहीं लाए जा सकते, ईडी के इस तर्क को भी अदालत ने स्वीकार नहीं किया।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को कोयला मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा है। उन्हें दो सितंबर को सीजीओ कॉम्प्लेक्स बुलाया गया है। वहीं उनकी साली मेनका को भी दिल्ली तलब किया गया। इसके बाद मेनका ने ईडी के समन के खिलाफ कोर्ट का रुख किया।
मेनका के वकील ने कोर्ट में कहा कि मेनका संबंधित मामले में आरोपित नहीं हैं। उसे गवाह के तौर पर बुलाया गया है। उन्हें पांच सितंबर को सुबह 10:30 बजे दिल्ली बुलाया गया था, लेकिन दिल्ली का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए कोलकाता में ही पूछताछ होना चाहिए। उधर, जांच एजेंसी की ओर से बताया गया है कि मेनका को कुछ जानकारी के लिए तलब किया गया है। कोर्ट के आदेश पर अभिषेक, उनकी पत्नी रुजीरा बनर्जी और सुमित रॉय से कोलकाता में पूछताछ हो रही है।
ईडी के वकील ने कहा कि दिल्ली के अधिकारी गाय और कोयला तस्करी के मामलों की जांच कर रहे हैं। यह सिर्फ कोलकाता की नहीं पूरे भारत की बात है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस भट्टाचार्य ने सवाल किया कि अगर याचिकाकर्ता कोलकाता ऑफिस जाता है तो क्या दिक्कत है? इस पर ईडी के वकील ने कहा कि सीबीआई ने इन दोनों मामलों में कोलकाता में केस दर्ज किया है, लेकिन ईडी ने दिल्ली में वित्तीय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत किया है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि ईडी को कोलकाता में पूछताछ करनी होगी।
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