कोलकाताः राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली की मुलाकात के बाद अब ममता बनर्जी की सरकार ने न्यू टाउन में सौरव गांगुली को दी गयी जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके पहले गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय की ओर से ममता सरकार पर असहयोग का आरोप लगाए जाने के बाद राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय को दी गई सड़क वापस ले ली है।
इस बारे में हिडको के चेयरमैन देवाशीष सेन ने बताया कि सौरव गांगुली ने ही जमीन वापस लेने के लिए आवेदन किया था। इसी के मुताबिक उनके द्वारा किए गए भुगतान को वापस कर जमीन को दखल करने की प्रक्रिया शुरू की गयी है।
दरअसल, 2013 में स्कूल बनाने के लिए न्यू टाउन के एक्शन एरिया 1ए में ममता बनर्जी की सरकार ने सौरव गांगुली को दो एकड़ की जमीन दी थी। सौरव ने गरीब परिवार के बच्चों के पठन-पाठन के लिए यहां स्कूल बनाने की इच्छा जताई थी। इसके जमीन के लिये उन्होंने राज्य सरकार के पास आवेदन किया था। इसके बाद सौरव गांगुली को यहां दो एकड़ की जमीन आवंटित की गयी थी। इसकी कीमत काफी कम लगी थी। बाद में इसी साल अगस्त महीने में उन्होंने राज्य सरकार को एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें जमीन वापस लेने का आवेदन किया था और कहा था कि स्कूल बनाने का अपना निर्णय वह फिलहाल रद्द कर चुके हैं। इसके बाद अगस्त से लेकर दिसम्बर तक सरकार ने इस मामले में कुछ भी नहीं किया था और चुप्पी साध रखी थी।
यह भी पढ़ेंः-साल 2020 : देश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ, देखें उनके बड़े फैसलेइसी सप्ताह गांगुली ने राजभवन में जाकर राज्यपाल से मुलाकात की थी और उसके बाद दूसरे ही दिन दिल्ली गए थे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर लौटे थे। इस घटनाक्रम के बाद बंगाल के राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज हो गई थी कि भाजपा के साथ गांगुली की नजदीकियां बढ़ रही हैं और उन्हें भविष्य में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के तौर पर भाजपा प्रोजेक्ट कर सकती है। इसके बाद ममता बनर्जी की सरकार ने अब न्यू टाउन में सौरव गांगुली को दी गयी जमीन को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश हिडको को दिया है।