छपरा: अब हर कोई यह समझ चुका है कि कोरोना के प्रति सतर्कता ही इसका समाधान है। सारण जिले में बेहतर रिकवरी दर के साथ-साथ संक्रमण दर में कमी आई है। यह उत्साहवर्धक है, लेकिन किसी भी स्तर पर लापरवाही भारी पड़ सकती है। अभी पर्व-त्योहार का समय शुरू हो गया है, ऐसे में कदम-कदम पर सावधानी जरूरी है। दूसरी बात यह कि मौसम बदल रहा है। इसलिए विशेष रूप से सतर्कता बरतने की जरूरत है।
तीन मूल मंत्र, जिससे होगा कोरोना का अंत :
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने कहा कि जहां तक हो सके पर्व- त्योहार में भीड़-भाड़ से हर किसी को बचना चाहिए। कोरोना संक्रमण से बचे रहने के लिए तीन मूल मंत्र का हर किसी को पालन करना चाहिए। मास्क का नियमित उपयोग, नियमित अंतराल पर साबुन से हाथ धोते रहना और दो गज की शारीरिक दूरी का अनुपालन बहुत जरूरी है। समुदाय की जागरूकता ही कोरोना को मात दे सकती है।
डॉ झा के मुताबिक बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए जाड़ा तकलीफदेह समय होता है। जाड़े का समय बुजुर्ग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दमा और हृदय रोगियों के लिए जोखिम भरा होता है। बीमार होने के कारण इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा इनमें अधिक होता है। इनके लिए बेहतर है कि ये घर में ही रहें। सामान्य व्यक्तियों के लिए भी सतर्कता बरतने की जरूरत है।
योग-व्यायाम और पौष्टिक आहार जरूरी :
ठंड में कोरोना संक्रमण से बचे रहने के लिए योग-व्यायाम और पौष्टिक आहार बहुत जरूरी है। शरीर को निरोग रखने में योग-व्यायाम का बहुत महत्व है। जाड़े में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में हल्दी दूध, तुलसी पत्ता, दालचीनी, अदरक, लौंग और गर्म पानी का सेवन बहुत लाभदायक होता है। प्राणायाम, अनुलोम-विलोम जैसे योगासन बुजुर्ग व्यक्ति घर पर रहकर भी कर सकते हैं।
कोरोना के प्रति सजग रहें, सतर्क रहें :
सिविल सर्जन डा. झा ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से 'सजग रहें, सतर्क रहें, परंतु भयभीत न हों' का जो मंत्र दिया गया है, लोग उसका पालन करें। जिला प्रशासन की ओर से लोगों से अपील भी की जा रही है कि जैसे ही कोरोना के लक्षण महसूस हों तो तुरंत अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क करें।
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन : • एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें। • सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेसकवर या मास्क पहनें। • अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं। • आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें। • छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।