नई दिल्लीः इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आठ नवम्बर को लगेगा। यह देश में दिखाई पड़ेगा, इस कारण से इसकी धार्मिक मान्यता भी होगी। ग्रहण के समय के नियम पालन करने होंगे। ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा। ग्रहण का आरम्भ दोपहर एक बजकर 32 मिनट पर और मोक्ष शाम सात बजकर 20 मिनट पर होगा।
नौ घंटे पहले लगेगा सूतक
चंद्र ग्रहण का सूतक काल नौ घंटे पहले से माना जाता है, लेकिन बालक, वृद्ध व रोगी ग्रहण प्रारम्भ होने से पूर्व भोजन ले सकते हैं। जिस राशि और नक्षत्र पर ग्रहण पड़ता है, उन राशि के जातकों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। गर्भवती स्त्रियों को बिल्कुल नहीं देखना चाहिए।
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ग्रहण में क्या न करें
सूतक काल में भोजन, शयन, विषय सेवन, मूर्ति स्पर्श वर्जित माना गया है। इसके अलावा कपट, व्यर्थ विवाद, मल-मूत्र विसर्जन, नाखून काटना, सब्जी काटना, आग जलाना भी मना होता है। गर्भवती महिलाओं को पापड़ व रोटी सेंकने से परहेज करना चाहिए।
ग्रहण के दौरान करें यह कार्य
वृद्ध, बालक व रोगी को भोजन व दवा में लेने में कोई दोष नहीं लगता है। सूतक काल में गीले खाद्य पदार्थ जैसे दूध, दही, आचार, मुरब्बा आदि में कुश या तुलसी दल डाल देना चाहिए। सूखे खाद्य पदार्थ में इसकी आवश्यकता नहीं है। ग्रहण काल में रोग नाश के लिए महामृंत्युजय मंत्र का जाप करना श्रेयकर बताया गया है। ग्रहण खत्म होने के बाद गंगा स्नान और दान करना चाहिए। इस काल में प्रसन्न होकर धार्मिक ग्रंथ का पाठ करना चाहिए।
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