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लखनऊ इस बार तोड़ेगा मतदान प्रतिशत का रिकॉर्ड

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Lucknow : लोकसभा चुनाव में पांचवे चरण के तहत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वोटिंग जारी है। जिले में सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों के बाहर वोटिंग करने वालों की लंबी कतार देखी गयी। इसमें लखनऊ के सभी वीआईपी पोलिंग बूथों पर विशेष चौकसी रही। केंद्र सरकार में रक्षामंत्री एवं लखनऊ लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा प्रमुख मायावती, पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक समेत विभिन्न वीआईपी मतदाताओं ने अपने परिवारजनों के साथ पोलिंग बूथ पहुंचकर वोट डाला। इन सभी नेताओं ने मतदाताओं से अधिक से अधिक संख्या में पोलिंग बूथ पहुंचकर मतदान करने की अपील भी की है।

मतदाताओं में उत्साह

उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ की लोकसभा सीट पर 1951 से चुनाव हो रहे हैं। यहां की जनता में शुरूआती दौर में वोटिंग को लेकर उतना उत्साह नहीं था, लेकिन 1962 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ में रिकॉर्ड मतदान हुआ था। लखनऊ में 1962 में 58.49 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था। यह रिकॉर्ड अब तक लखनऊ के मतदाता नहीं तोड़ पाये हैं, लेकिन निर्वाचन आयोग का अनुमान है कि लखनऊ में इस बार 70 प्रतिशत के करीब वोटिंग होगी। आज सुबह से ही वोटिंग के दौरान मतदाताओं में काफी उत्साह देखने को मिला है, खासकर युवा मतदान करने को लेकर काफी सचेत हैं। चुनाव में हर किसी के अपने-अपने मुद्दे हैं, जिनकों लेकर लोग मतदान कर रहे हैं।

70 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य

आकंड़ों पर गौर करें तो साल 1991 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ में सबसे कम 33.23 प्रतिशत मतदान हुआ था। 1991 में अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा प्रत्याशी के रूप में विजयी हुए थे। लखनऊ लोकसभा सीट के लिए मतदान प्रतिशत में इतनी कमी देखने के बाद अटल जी ने ही ‘‘पहले मतदान, फिर जलपान’’ का नारा दिया और लोगों के घर-घर जाकर वोट प्रतिशत बढ़ाने की अपील की। लखनऊ की जनता में समय के साथ काफी बदलाव आये और साल दर साल मत प्रतिशत में आंशिक ही सही बढ़ोत्तरी देखी जा रही है, लेकिन अब भी यहां के मतदाता 60 प्रतिशत का आंकड़ा नहीं छू सके हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 53.06 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशत बढ़कर 57.68 पहुंचा, लेकिन 1962 के रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाया। इस बार लखनऊ में प्रशासन ने 70 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य निर्धारित किया है।

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यहां की सरकारी मशीनरी, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, समाजसेवी, निजी संस्थाओं के माध्यम से वोटिंग का प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से कोशिश कर चुके हैं। मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने के लिए टोलियां घर-घर जाकर लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। मतदाओं को पोलिंग बूथ तक आने-जाने में असुविधा न हो इसके लिए ऑटो चालक संघ के साथ मिलकर मतदाताओं के लिए ऑटो से आने-जाने का प्रबंध किया गया है। इसमें आवागमन का किराया पूर्व से निर्धारित है। इसके अलावा लोगों को फोन और मैसेज कर बूथ तक बुलाया जाएगा। इतना ही नहीं सबसे पहले मतदान करने वाले को प्रशासन की ओर से सम्मानित भी किया जाएगा।


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