लखनऊः वायु प्रदूषण की विकट स्थिति से निपटने के लिए नगर निगम लखनऊ पिछले कई सालों से दोहरा मापदंड अपना रहा है। आम आदमी को गुमराह करने में निगम के उच्च अधिकारी भी किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ रहे हैं। नगर आयुक्त की निगरानी में प्रदूषण पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए प्रत्येक जोन में निर्माणाधीन भवन मालिकों पर कार्रवाई की जा रही है। इन पर आरोप है कि ये निर्माण सामग्रियों को इधर-उधर रख रहे हैं। इससे इनके कण हवा में उड़ते हैं और हवा प्रदूषित हो रही है। ग्रीन सीट से न ढकने पर इन पर कार्रवाई कर अर्थदंड लगाया जा रहा है। सवाल यह है कि जो लोग सड़क के किनारे सालों-साल यह सामग्री इकट्ठा कर व्यापार करते हैं, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। शहर से सटे तमाम ऐसे स्थान हैं, जहां पर गिट्टी, मौरंग और बालू आदि इकट्ठा कर सैकड़ों दुकानदार अपनी दुकानें चला रहे हैं।
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नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने निर्देश दिए हैं कि सभी नगर अभियंताओं और जोनल अधिकारी ऐसे लोगों पर कार्रवाई करें, जो शहर में प्रदूषण बढ़ा रहे हैं। इसी कड़ी में 14 दिसंबर को तालकटोरा इंडस्ट्रियल क्षेत्र जोन-2 तथा लालबाग जोन-1 में कई अधिकारी पहुंचे थे। जोन-1 के एम्मा थॉम्पसन स्कूल लालबाग, छितवापुर पुलिस चौकी के पास, नज़रबाग, दयानिधान पार्क के पास, झंडी पार्क नगर निगम के आस-पास मार्गों से उठवाया गया। जोन-2 में वैष्णो जनरल स्टोर के सामने दारू गोदाम रोड, शीतला प्रसाद जायसवाल गोदाम के सामने व पानी की टंकी के पास, शकुन्तला बिल्डिंग के पीछे, मोती नगर पार्क के अन्दर, मस्जिद के पास मालवीय नगर वार्ड सोहनलाल स्कूल के पास व राजेन्द्र नगर ढाल से लगभग 15 टन मलबा उठवाया गया।
यहां भवन मालिकों के विरूद्ध नोटिस जारी कर 1,500 रूपये जुर्माने के रूप में लिए गए। जोन-3 में सेक्टर-सी शादाब कॉलोनी, मंदिर मार्ग महानगर तथा डॉ. सुशीला देवी मार्ग से लगभग 28 टन मलबा उठवाया गया। जोन-4 में विश्वास खण्ड, एल्डिको ग्रीन, बड़ी जुगौली पेपर मील वार्ड से 19 टन मलबा उठवाया गया। जोन-5 में चन्दर नगर एसबीआई रोड आदि में भी अभियान चलाया गया। जोन-6 में बकरा मंडी चौक, हंस खेड़ा चौक, पोस्ट ऑफिस के पास चौक, ठाकुरगंज में नगरिया बिजली घर के पास, मल्हपुर से 19 टन मलबा उठवाया गया। यहां 1,500 रूपये जुर्माने के रूप में वसूले गए।
बाहरी छोर पर चल रहीं सैकड़ों की दुकानें
जिस सामग्री को लेकर नगर निगम अभियान चला रहा है, उसे शहर में प्रदूषण बढ़ने का कारण माना जा रहा है। नगर निगम मकान मालिकों से अर्थदंड वसूल रहा है। बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने सड़क के किनारे मलबा या भवन निर्माण समग्री लगा रखी है, उन पर कार्रवाई की गई है। मानकों के अनुसार, भवन निर्माण सामग्री को ग्रीन सीट, नेट आदि के जरिए कवर करना होता है, लेकिन नगर आयुक्त ने केवल पुराने लखनऊ का निरीक्षण किया है। कई स्थान ऐसे हैं, जहां के लोग भीषण प्रदूषण से जूझ रहे हैं, लेकिन वहां पर नगर निगम किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करता है। बंथरा, बिजनौर, मोहान रोड, आगरा एक्सप्रेस-वे, सुल्तानपुर रोड और रायबरेली रोड से सटी तमाम ऐसी बस्तियों में भवन निर्माण सामग्री का व्यापार सड़क पर ही संचालित किया जा रहा है।
आए दिन होते हैं हादसे
प्रदूषण के अलावा तमाम और भी दिक्कतें भवन निर्माण सामग्रियों के चलते होती रहती हैं। कुछ लोगों के पास मानक के अनुसार व्यापार करने के लिए जगह नहीं होती है, इसके बाद भी यह करोड़ों का कारोबार कर रहे हैं। ये लोग सड़कों पर बिल्डिंग निर्माण सामग्री इकट्ठा करते हैं और वहीं से बेचते हैं। यह काम सालों से चल रहा है। सड़क पर बजरी और गिट्टी आदि इकट्ठा होने से लोगों की बाइक फिसल जाती हैं। इससे अक्सर हादसे भी होते हैं, लेकिन तमाम जानकारियां होने के बाद भी नगर निगम के अधिकारी इन पर कार्रवाई नहीं करते।
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