फरीदाबाद: बीते दिनों हरियाणा के फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में 21 वर्षीय छात्रा निकिता तोमर की हत्या के मामले में तीसरे व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार हुए इस व्यक्ति का नाम अजरू है जिसने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी तौसिफ को पिस्टल मुहैया कराई थी। हरियाणा पुलिस ने नूंह जिले में दर्जनों जगहों पर छापेमारी के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया है।
आपको बता दें कि निकिता तोमर की दिनदहाड़े बीच सड़क पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वो अपने कॉलेज से पेपर देकर आ रही थी। पहले उसे किडनैप करने की कोशिश की और जब वो गाड़ी के अंदर नहीं बैठी तो उसे गोली मार दी गई। जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी को नूंह में अपने मामा के दोस्त से कुछ दिनों पहले ही ये हथियार मिला था। जिससे उसने हत्या को अंजाम दिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी तौसिफ अहमद के मामा की पहचान केवल इस्लामुद्दीन के रूप में हुई है, जो वर्तमान में 30 जून, 2016 को गुरुग्राम में एक पुलिस निरीक्षक का अपहरण करने के लिए भोंडसी में 10 साल की सजा काट रहा है। पता चला है कि तौसिफ इन्हीं की मदद से हथियार लेकर आया था।
निकिता से एकतरफा प्यार करता था तौसीफनिकिता ने जिस प्राइवेट स्कूल में पांचवीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई की, उसी स्कूल में आरोपी तौसीफ भी पढ़ता था। वह, यहां हॉस्टल में रहता था। इसी दौरान वह निकिता से एकतरफा प्यार करने लगा। वह निकिता का प्यार पाने के लिए उसे बार-बार परेशान भी किया करता था। आरोपों को सही मानें तो उसने 2018 में निकिता का अपहरण कर लिया था। उसके खिलाफ बल्लभगढ़ थाने में मामला भी दर्ज किया गया था। इस समय निकिता नाबालिग थी। तौसीफ और उसके परिवार वालों ने माफी मांग ली, जिसके बाद निकिता के पिता ने मुकदमा वापस ले लिया। हालांकि, तौसीफ का एकतरफा प्यार खत्म नहीं हुआ।
अंकित नाम बताकर दोस्ती कीबीकॉम अंतिम वर्ष की छात्रा निकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी तौसीफ ने खुद का नाम अंकित बताकर उससे दोस्ती की थी। तौसीफ को लगता था कि दोस्ती की शुरुआत में कहीं धर्म बीच में न आ जाए। हालांकि यह बात ज्यादा दिन तक छिप नहीं पाई और असली नाम का पता एक दिन चल ही गया। तौसीफ के असली नाम का पता तब चला जब तौसीफ को उसके एक साथी ने स्कूल में उसे असली नाम से पुकारा। यह खुलासा निकिता के साथ स्कूल में पढ़ने वाली अंशु (बदला हुआ नाम) ने किया है। अंशु फिलहाल कॉलेज में भी निकिता के साथ ही पढ़ती है।
यह भी पढ़ें-बिहार: महादलित समुदाय के 500 लोगों को दबंगों ने वोट देने से रोकानाम और पहचान न उजागर करने की शर्त पर छात्रा ने बताया कि तौसीफ स्कूल के दिनों से ही निकिता से दोस्ती करना चाहता था, जबकि वह स्कूल में सीनियर था। निकिता जब 11वीं कक्षा में पढ़ती थी, तब तौसीफ 12वीं का छात्र था।सीनियर कक्षा में होने के कारण कई महीनों तक तौसीफ के असली नाम का उन्हें पता नहीं लग सका। उसने निकिता को अपना नाम अंकित बताया था। हमेशा ही वह निकिता से घुलने-मिलने की कोशिश करता रहता था। छात्रा ने बताया कि हालांकि उन दिनों इन सब बातों की ओर हम ध्यान नहीं देते थे। क्योंकि तौसीफ उनकी कक्षा का विद्यार्थी नहीं था, इसलिए ज्यादा बातचीत नहीं होती थी।