लखनऊः उत्तर प्रदेश की तीसरे चरण की 10 सीटों पर 07 मई को चुनाव होना है। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गयी। इसमें 2019 में बीजेपी ने आठ सीटों पर कब्जा किया है। दो सीटों पर एसपी को जीत मिली थी।
पिछले चुनाव में कैसा था हाल
तीसरे चरण की सीटों पर नजर डालें तो ये हैं संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदांयू, आंवला, बरेली। इसमें तीन सीटें हैं, हाथरस, आगरा, फ़तेहपुर-सीकरी, जहां 2014 में बीएसपी दूसरे नंबर पर थी। 2019 में एसपी-बीएसपी का गठबंधन था। संभल लोकसभा सीट पर 2014 में सपा के डॉ. सफीकुर रहमान बर्क ने जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी के सत्यपाल सिंह ने जीत हासिल की थी। फिरोजाबाद वह सीट है जहां 2014 में एसपी के अक्षय यादव ने जीत हासिल की थी, लेकिन 2019 में बीजेपी के डॉ. चंद्रसेन जादौन ने जीत हासिल की।
इसके अलावा 2014 में बदायूं से सपा के धर्मेंद्र यादव जीते थे, लेकिन 2019 में बीजेपी की संघमित्रा मौर्य ने उन्हें हरा दिया। मैनपुरी सीट मुलायम सिंह के नाम रही है और उनकी विरासत के तौर पर यहां हुए उपचुनाव में सपा से डिंपल ने जीत हासिल की थी, यानी तीन सीटें ऐसी रहीं, जिन पर 2014 और 2019 में बदलाव देखने को मिला। बाकी छह सीटें 2014 और 2019 में बीजेपी ने जीतीं।
बीजेपी ने काटे कई टिकट
इस बार बीजेपी अब तक पूरे राज्य में अपने 12 मौजूदा सांसदों के टिकट काट चुकी है। तीसरे चरण के चुनाव में तीन सांसद ऐसे भी हैं जिनका टिकट काट दिया गया है। इसमें सबसे प्रमुख है बरेली से संतोष गंगवार का टिकट कटना। वह 10 बार चुनाव लड़ चुके हैं और आठ बार जीते हैं। इस बार बीजेपी ने उन्हीं की बिरादरी के छत्रपाल गंगवार को टिकट दिया है। बीजेपी ने स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी और बंदायू से मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट भी काट दिया और दुर्विजय सिंह शाक्य को टिकट दे दिया। इसकी वजह स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित भाषण बताया जा रहा है। वहीं बीजेपी ने हाथरस से मौजूदा सांसद राजवीर का टिकट काट दिया है और अनूप वाल्मिकी को टिकट दिया है।
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संभल की बात करें तो यहां से बीजेपी ने एक बार फिर परमेश्वर राव सैनी को टिकट दिया है, जो पिछली बार सपा के डॉ. सफीकुर्रहमान बर्क से 1,74,826 वोटों से हार गए थे। वहीं सपा ने यहां से जियाउर्रहमान को टिकट दिया है। वहीं बसपा ने सौआत अली पर अपना दांव लगाया है। 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी को सिर्फ 12 हजार वोट मिले थे।
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