फीचर्ड आस्था

पालकी पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले भगवान महाकाल, जाना प्रजा का हाल

lord-mahakal-went-on-a-tour-of-the-city-riding-a-palanquin
  उज्जैनः श्रावण-भादौ माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में सावन के पहले सोमवार को भगवान महाकाल (Lord Mahakal) ( की सवारी विशाल ध्वज के साथ निकाली गई। इस दौरान राजाधिराज भगवान महाकाल उज्जयिनी भ्रमण पर निकले और अपनी प्रजा को दर्शन दिये और उनका हाल जाना। सवारी के दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल को पुष्प अर्पित कर दर्शन लाभ लिया। सोमवार को शाम 04 बजे सवारी निकलने से पूर्व सभाकक्ष में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, महापौर मुकेश टटवाल, विधायक (उत्तर) पारसचंद्र जैन, कलेक्टर एवं महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कुमार पुरूषोत्तम, पुलिस, श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर। अधीक्षक सचिन शर्मा, पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी जी महाराज, नगर निगम आयुक्त रोशन सिंह आदि ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन किया और आरती में भाग लिया।

भगवान ने जाना प्रजा का हाल

भगवान महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद भगवान मनमहेश अपने नियत समय पर पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले। पालकी के नगर भ्रमण पर निकलने से पहले सबसे पहले भगवान महाकालेश्वर का षोडशोपचार पूजन किया गया। इसके बाद भगवान की आरती की गई। इस अवसर पर मध्य प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष ओम जैन, प्रशासक संदीप कुमार सोनी, स्मार्ट सिटी सीईओ आशीष पाठक, समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु, राजेंद्र शर्मा गुरुजी, राम पुजारी सहित अन्य अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

भगवान महाकाल को दी गई सलामी

सभी गणमान्य लोगों ने पालकी को कंधा देकर नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। भगवान मनमहेश की विधिवत पूजा मुख्य पुजारी पं. द्वारा सम्पन्न करायी गयी। जैसे ही पालकी श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची, मध्य प्रदेश सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान महाकाल को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) देने के बाद पालकी नगर भ्रमण के लिए आगे बढ़ी। मार्ग के दोनों ओर खड़े हजारों श्रद्धालुओं ने पालकी में विराजमान भगवान मनमहेश के दर्शन किए। सवारी मार्ग पर हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल को पुष्प अर्पित कर दर्शन लाभ लिया। यह भी पढ़ेंः-बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: अभिषेक बनर्जी के खिलाफ जांच पर रोक लगाने से SC इनकार किया भगवान महाकाल की सवारी कोट मोहल्ला चौराहा, गुदरी, बख्शी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शाम 6 बजे शिप्रा तट पहुंची। यहां भी बाबा के दर्शन के लिए रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। मंदिर की ओर मां शिप्रा की पूजा-अर्चना की गई। इसी प्रकार शिप्रा के जल से भगवान का जलाभिषेक किया गया। इस दौरान दत्त अखाड़ा घाट के पीर महंत द्वारा पारंपरिक पूजा-अर्चना की गयी। इसके बाद सवारी पुनर्निर्धारित मार्ग से महाकालेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)