नई दिल्लीः भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण भगवान का प्राकट्य पर्व मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण को कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से जाना जाता है। भगवान श्रीकृष्ण निष्काम कर्मयोगी, आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्जित महान पुरुष थे। उनका जन्म द्वापरयुग में हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण को 16 कलाओं में निपुण माना जाता है। भगवान श्रीकृष्ण का आठ अंक से बड़ा गहरा नाता रहा है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
श्रीहरि के आठवें अवतार
हिंदू धर्म मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण श्रीहरि विष्णु के आठवें अवतार हैं। पुराणों के अनुसार विष्णु भगवान के दश अवतार हैं। इन अवतारों में आठवां अवतार भगवान श्रीकृष्ण का है। विष्णु के दस अवतारों में मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार एवं वराह अवतार, नरसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार, श्री रामावतार और आठवां अवतार कृष्ण अवतार शामिल हैं।
वासुदेव और देवकी की आठवीं संतान
भगवान श्रीकृष्ण महाराज वासुदेव और उनकी पत्नी देवकी की आठवीं संतान हैं। देवकी राजा कंस की बहन हैं। कंस के अत्याचार से मथुरावासी त्रस्त थे। कंस को आकाशवाणी के माध्यम से यह ज्ञात हुआ कि उनकी बहन की आठवीं संतान ही उसका वध करेगी। यह ज्ञात होने पर कंस ने अपनी बहन देवकी और वासुदेव को कारागार में बंद कर दिया और उनकी सात संतानों की निर्मम हत्या कर दी। चूंकि भगवान श्रीकृष्ण श्रीहरि के अवतार थे। इसलिए सभी परिस्थिति उनके अनुकूल बन गयीं।
भाद्रपद माह की आठवीं तिथि को हुआ जन्म
भगवान श्रीकृष्ण का भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को जन्म हुआ था। भगवान माधव न केवल अपने माता-पिता की आठवीं संतान थे। उनका जन्म भी आठवीं तिथि और मध्य रात्रि के आठवें प्रहर में ही हुआ था।
भगवान श्रीकृष्ण की हैं आठ रानियां
मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने 16 हजार शादियां की थी। लेकिन पुराणों में उनकी आठ पटरानियों का उल्लेख मिलता है। इनमें रुक्मिणी, सत्यभामा, जामवंती, कालिंदी, मित्रवृंदा, नाग्नजिती, भद्रा और लक्ष्मणा शामिल हैं। भगवान श्रीकृष्ण की आठों पत्नियां उनके जीवन के अलग-अलग पहलू को दर्शाती हैं।
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भगवान बांकेबिहारी को आठ चीजें हैं अतिप्रिय
भगवान बांकेबिहारी को आठ चीजें अतिप्रिय हैं। इनमें सुदर्शन चक्र, मोर पंख, बांसुरी, पीतांबर वस्त्र, पांचजन्य शंख, कमल का फूल, गाय और माखन मिश्री शामिल हैं। भगवान श्रीकृष्ण को यह आठ चीजें बेहद प्रिय हैं।
भगवान केशव को आठ नगर हैं प्रिय
भगवान श्रीकृष्ण को आठ नगर बेहद प्रिय हैं। उनका पूरा जीवन इन नगरों के ही बीच बीता। इनमें गोकुल, वृदांवन, गोवर्धन, नंदगांव, बरसाना, मथुरा, संकेत और द्वारका शामिल हैं।
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