शिमलाः हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट पर बीजेपी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को मैदान में उतारा है, जो देश में चर्चा का विषय बन गई है। हिमाचल में पहली बार कोई सेलिब्रिटी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहा है। कांग्रेस ने अभी तक इस सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। कांग्रेस यहां से कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह को अपना उम्मीदवार बना सकती है। कंगना और विक्रमादित्य के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है और दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाने से भी नहीं कतरा रहे हैं। चुनावी जनसभाओं में जहां कंगना विक्रमादित्य सिंह पर तीखे हमले कर उन पर तंज कस रही हैं, वहीं विक्रमादित्य सिंह वीडियो मैसेज के जरिए कंगना रनौत पर पलटवार कर रहे हैं।
कंगना कई मुद्दों पर कांग्रेस को घेरा
कंगना ने शुक्रवार को मंडी संसदीय क्षेत्र के कुल्लू में एक चुनावी रैली में कहा कि विक्रमादित्य सिंह उनके छोटे भाई हैं और वह उनसे नाराज रहते हैं। कंगना ने तंज कसते हुए कहा कि मैंने उन्हें राजा बेटा और राजा बाबू जैसे प्यारे नाम दिए लेकिन वह इससे परेशान हो गए। जब हमने उसे छोटा पप्पू बताया तो मुंह फुला कर बैठ गए।। कंगना यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई उनकी तुलना शीर्ष नेतृत्व से करेगा तो उन्हें बहुत खुशी होगी। लेकिन जब उन्होंने विक्रमादित्य की तुलना उनके शीर्ष नेता से की तो उन्हें गुस्सा आ गया।
कंगना ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस सरकार में मंत्री हैं। कांग्रेस ने प्रदेश में पेंशन योजना शुरू करने का वादा किया था, कांग्रेस सरकार ने यह योजना क्यों शुरू की? मोबाइल हॉस्पिटल बनाने की बात थी, मोबाइल बसें घर-घर जाकर मुफ्त इलाज करेंगी, मंडी में ऐसी रोक किसी ने नहीं देखी। कांग्रेस ने 5 से 6 लाख नौकरियों की घोषणा की थी और महिलाओं और बेटियों को हर महीने 1500 रुपये देने की बात कही थी। लेकिन महिलाओं को न तो नौकरी दी गई और न ही 1500 रुपये। बागवानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है।
कंगना ने कहा कि “विक्रम भइया अगर आपसे काम की बात करें तो आप उलटी बात करते हैं औऱ जब आपसे उलटी बात करें तो कहते कि हमें सीधी बात करनी है, तो आपसे बात कौन सी करें।"
विक्रमादित्य सिंह ने किया पलटवार
उधर, कांग्रेस नेता और विक्रमादित्य सिंह ने कंगना रनौत पर पलटवार करते हुए कंगना को हिमाचल के मुद्दों पर होमवर्क करने की सलाह दी है। शिमला से जारी एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि कंगना अपना होमवर्क करके नहीं आतीं। उन्हें हिमाचल के मुद्दों की जानकारी जुटानी चाहिए। उनके साथ चल रही मीडिया टीम को उन्हें इन मुद्दों से अवगत कराना चाहिए। विक्रमादित्य ने कहा कि अगर कंगना ने अपने भाषण में ओपीएस की बात की है तो उन्हें पता होना चाहिए कि हिमाचल सरकार ने ओपीएस लागू कर दिया है और हिमाचल ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है। अगर कंगना कर्मचारियों की इतनी ही हितैषी हैं तो उन्हें केंद्र के पास फंसे कर्मचारियों के 9000 करोड़ रुपये दिलाने में राज्य को योगदान देना चाहिए।
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विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल चुनाव ग्लैमरस की बजाय स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाएगा। कंगना ने कल हमारे पूर्वजों के बारे में बात की, लेकिन हमें उनसे कोई सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है।' विक्रमादित्य सिंह ने आगे कहा कि उनके पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह को इसलिए राजा नहीं कहा जाता क्योंकि वह किसी रियासत के राजा थे। वह छह बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे, केंद्रीय मंत्री रहे और लंबे समय तक राज्य की सेवा की। उन्होंने कंगना पर निशाना साधते हुए कहा कि बेतुकी बातों से लोगों का दिल नहीं जीता जाता, बल्कि इसके लिए जमीन पर काम करना पड़ता है।
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