लखनऊः लोकसभा चुनाव का चुनावी बिगुल बज चुका है। युद्ध का मैदान तैयार है। एक से बढ़कर एक सियासी दिग्गज चुनाव लड़ रहे हैं। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने दावे और वादे कर रहे हैं। ऐसे में लोग किसी जाति या संप्रदाय के नाम पर नहीं बल्कि विकास और राष्ट्रवाद के नाम पर बात करते नजर आ रहे हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार जनता को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
बीजेपी ने उतारा सबसे पहले प्रत्याशी
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी लोकसभा सीट पर 20 मई को मतदान होना है। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशी जनता के बीच पहुंच रहे हैं और अपनी-अपनी पार्टियों के सियासी दावे और वादे कर रहे हैं। सभी राजनीतिक दलों के बीच मतदाताओं को आकर्षित करने की होड़ मची हुई है। यहां भारतीय जनता पार्टी ने सबसे पहले अपने उम्मीदवार की घोषणा कर अन्य दलों पर अपनी बढ़त बढ़ाने की कोशिश की है। समाजवादी पार्टी ने अजेंद्र सिंह राजपूत को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने पंडित निशोद दीक्षित को अपना उम्मीदवार बनाया है। मासूम दीक्षित कांग्रेस पार्टी छोड़कर बसपा में शामिल हो गए हैं। भाजपा प्रत्याशी कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल सबसे पहले नामांकन दाखिल करने वाले हैं।
राष्ट्र सबसे ऊपर
जिला मुख्यालय के सुभाष नगर निवासी मुकेश प्रजापति चुनाव को लेकर कहते हैं कि अब समय बदल गया है। आज का मतदाता जाति, संप्रदाय और धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर विकास की बात कर रहा है ताकि उसकी आजीविका चलती रहे, संसाधन बढ़े और समाज का कल्याण हो सके।
यह भी पढ़ेंः-राजधानी में अगले तीन दिनों तक मिलेगी गर्मी से राहत, जानें IMD ने क्या कहा?
गांधीनगर मुहाल निवासी राजाराम द्विवेदी का कहना है कि हम अपने एक वोट से अपनी किस्मत लिख सकते हैं। हमारा एक-एक वोट कीमती है। हम वोट देकर अपना राजा (जनप्रतिनिधि) चुनते हैं और अपनी और देश की किस्मत लिखते हैं। यह हमारे विवेक पर निर्भर करता है कि हम कैसा राजा चाहते हैं। क्योंकि राष्ट्रहित सर्वोपरि है।