UP Lok Sabha Chunav 2024, लखनऊः लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश में मोदी सरकार के पांच मंत्रियों की साख दांव पर लगी है हुई। जनता इनकी किस्मत का फैसला 20 मई को करेगी। इस चरण में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, साध्वी निरंजन ज्योति, कौशल किशोर, भानु प्रताप वर्मा और उत्तर प्रदेश के मंत्री दिनेश सिंह मैदान में है। पांचवें चरण में यूपी की 14 सीटों पर चुनाव होंगे। योगी सरकार के मंत्री दिनेश सिंह रायबरेली से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं।
लखनऊ के राजनाथ सिंह तीसरी बार मैदान में
2019 के चुनाव में बीजेपी ने रायबरेली को छोड़कर सभी सीटों पर जीत हासिल की थी। सोनिया गांधी ने रायबरेली से जीत हासिल की थी। राजनाथ सिंह तीसरी बार लखनऊ से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ सपा-कांग्रेस गठबंधन से रविदास मेहरोत्रा और बसपा से सरवर अली चुनाव लड़ रहे हैं।
अमेठी से स्मृति ईरानी
जबकि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक बार फिर अमेठी लोकसभा से चुनाव लड़ रही हैं। स्मृति ने 2019 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को हराया। इस बार उनके खिलाफ गांधी परिवार के सदस्य किशोरीलाल शर्मा लड़ रहे हैं। शर्मा का दावा है कि वह 40 साल से अमेठी की जनता से जुड़े हुए हैं। उन्होंने राजीव गांधी के साथ रैलियों में भी हिस्सा लिया। कांग्रेस के बड़े नेताओं का पूरा फोकस इस सीट पर है।
मोहनलाल गंज कौशल किशोर
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी कौशल किशोर तीसरी बार लखनऊ से सटे मोहनलाल गंज से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उन्हें सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार आर.के चौधरी से कड़ी चुनौती मिल सकती है। जबकि बसपा से राजेश कुमार मैदान में हैं।
फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की फायरब्रांड नेता साध्वी निरंजन ज्योति एक बार फिर फतेहपुर सीट से चुनावी मैदान में हैं। वह 2014 और 2019 में जीत चुकी हैं। उन्हें सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है। जबकि बसपा ने पिछड़ी जाति के कुर्मी समुदाय से आने वाले डॉ. मनीष सचान को उम्मीदवार बनाकर सपा और भाजपा को खुली चुनौती दे दी है।
जालौन से भानु प्रताप वर्मा मैदान में
जालौन सीट से बीजेपी ने एक बार फिर पांच बार के सांसद और मौजूदा मंत्री भानु प्रताप वर्मा को मैदान में उतारा है। उनके खिलाफ सपा-कांग्रेस से नारायण दास अहिरवार मैदान में हैं। अहिरवार बसपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं। वह 2007 से 2011 तक मायावती सरकार में मंत्री रहे। 2022 में वह सपा में शामिल हो गए। हालांकि, इस सीट पर बसपा का अच्छा प्रभाव माना जाता है। 2019 में एसपी-बीएसपी गठबंधन में यह सीट बीएसपी के खाते में चली गई। इस बार भानु प्रताप का मुकाबला उनसे माना जा रहा है।
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इसके अलावा इस चरण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुख्य मुकाबला बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह से है। इस चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड के अलावा रायबरेली सीट से भी नामांकन दाखिल किया है। वायनाड में वोटिंग हो चुकी है। रायबरेली को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है। इस सीट से खुद सोनिया गांधी चुनाव जीतती रही हैं। हालांकि, इस बार वह राज्यसभा की ओर रुख कर चुकी हैं। इसलिए राहुल गांधी ने इस सीट से नामांकन दाखिल किया है। बीजेपी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह पहले कांग्रेस में रह चुके हैं। 2018 में बीजेपी में शामिल हुए और 2019 में सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली से चुनाव लड़े। वह 1.67 लाख वोटों से हार गए। एक बार फिर वह यहां से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।इन सीटों पर भी बीजेपी कड़ी परीक्षा
इसके साथ ही यूपी की कैसरगंज भी काफी चर्चित सीट है। जिसमें विवादों के चलते इस बार बीजेपी ने बृजभूषण शरण सिंह को टिकट नहीं दिया। लेकिन उनके बेटे करण भूषण सिंह अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। कौशांबी सीट से मौजूदा सांसद विनोद सोनकर भी तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ मात्र 25 साल के पुष्पेंद्र सरोज ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे का दावा है कि इस चरण की सभी सीटें बीजेपी के कब्जे में रहेंगी। जनता को पीएम मोदी की गारंटी पर पूरा भरोसा है। विपक्ष बिखर गया है। ये लोग चुनाव के समय जागते हैं। ऐसे में जनता उन पर कैसे भरोसा करेगी? हर चरण की तरह इसमें भी बीजेपी सभी सीटें जीतने जा रही है।