मेरठः पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले दो चरणों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। बसपा प्रमुख मायावती की टिकट वितरण की इंजीनियरिंग के कारण कई सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों का चुनाव फंस सा गया है।
टिकट बंटवारे से पहले देखी कमजोरी
इस लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने अलग तरीके से टिकट बांटे हैं, जिससे बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से बसपा ने भाजपा कैडर वोटर त्यागी समाज के देवव्रत त्यागी को मैदान में उतारा है। इससे राजनीति में उचित भागीदारी न मिलने से भाजपा से नाराज त्यागी समाज को एक विकल्प मिल गया है। त्यागी समाज के युवा अपने सहधर्मी बसपा प्रत्याशी के पक्ष में जाते दिख रहे हैं। इसका सीधा नुकसान बीजेपी प्रत्याशी अरुण गोविल को होता दिख रहा है।
इसी तरह बसपा ने मुजफ्फरनगर से दारा सिंह प्रजापति को अपना उम्मीदवार बनाया है। दारा सिंह के पक्ष में प्रजापति और अन्य अति पिछड़ी जातियां लामबंद हो रही हैं। इसका खामियाजा बीजेपी प्रत्याशी डॉ. संजीव बालियान को भी भुगतना पड़ता नजर आ रहा है। कैराना सीट से बीएसपी ने बीजेपी के दूसरे कैडर क्षत्रिय समुदाय के श्रीपाल राणा को मैदान में उतारा है। इधर, क्षत्रिय समाज पहले ही बीजेपी से नाराजगी जता चुका है और उसके उम्मीदवारों के खिलाफ वोट देने का ऐलान कर चुका है। ऐसे में बसपा ने क्षत्रिय समाज को भी एक विकल्प दिया है। यहां से बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप चौधरी भी असहज दिख रहे हैं।
गठबंधन के प्रत्याशियों की भी बढ़ाई मुश्किलें
गाजियाबाद लोकसभा सीट से क्षत्रिय उम्मीदवार को टिकट नहीं दिए जाने से यह समुदाय बीजेपी से नाराज है और उसने बीजेपी का विरोध करने का ऐलान किया है। यहां से भी बसपा ने क्षत्रिय समाज के नंदकिशोर पुंडीर को टिकट देकर भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बागपत लोकसभा सीट पर भी बसपा ने गुर्जर समुदाय से उम्मीदवार उतारकर भाजपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी डॉ. राजकुमार सांगवान को अतिरिक्त मेहनत करने पर मजबूर कर दिया है।
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बिजनौर लोकसभा सीट से बसपा ने आरएलडी-बीजेपी गठबंधन के गुर्जर समुदाय के उम्मीदवार चंदन चौहान के खिलाफ जाट समुदाय के विजेंद्र सिंह को मैदान में उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। इससे बीजेपी-आरएलडी गठबंधन के प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इसका मुकाबला करने के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मेरठ के क्षत्रिय बाहुल्य इलाके रार्धना गांव में चुनावी रैली की। इसी तरह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं।