गांधीनगरः राज्य भर में भारी बारिश के कारण उत्पन्न स्थिति और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए सोमवार को गांधीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई। प्रवक्ता एवं स्वास्थ्य मंत्री हृषिकेशभाई पटेल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मुख्य सचिव राज कुमार, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन और वरिष्ठ सचिवों ने भाग लिया।
बैठक में प्रवक्ता मंत्री हृषिकेशभाई पटेल ने भारी बारिश से प्रभावित जिलों के कलेक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की और उनके जिलों में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने प्रभावित जिलों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की मदद से पानी में फंसे लोगों को निकालने सहित अन्य जानकारी संबंधित कलेक्टरों से प्राप्त की।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 10-10 टीमें तैनात
बैठक में समीक्षा के दौरान बताया गया कि बारिश प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 10-10 टीमें तैनात की गयी हैं। इतना ही नहीं एनडीआरएफ की अतिरिक्त 5 टीमें और एसडीआरएफ की 13 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। बैठक में बताया गया कि अब तक राज्य के 8 जिलों से 12,644 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, साथ ही 7 जिलों से 822 लोगों को बचाया गया है। गया है। प्रवक्ता मंत्री ने प्रभावित जिलों में आश्रय स्थलों में रहने वाले लोगों के लिए संबंधित जिला प्रशासन द्वारा भोजन पैकेट और चिकित्सा टीमों आदि की व्यवस्था के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। इस संबंध में उन्होंने संबंधित जिलों के सामाजिक एवं स्वयंसेवी संगठनों से भी सहयोग लेने को कहा।
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मौसम पूर्वानुमान की ली जानकारी
प्रवक्ता मंत्री ने राज्य में भारी बारिश के कारण प्रभावित राजमार्गों और पंचायत सड़कों की मरम्मत का काम तुरंत शुरू कर स्थिति को बहाल करने का सुझाव दिया। उन्होंने केंद्रीय मौसम विभाग के निदेशक से राज्य में आने वाले दिनों में बारिश की संभावना और मौसम पूर्वानुमान के बारे में भी जानकारी ली। प्रवक्ता मंत्री ने बैठक में उपस्थित वरिष्ठ सचिवों को प्रभावित क्षेत्रों में बाधित विद्युत आपूर्ति, पेयजल एवं सड़क संपर्क को तत्काल बहाल करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री की निगरानी में पूरा प्रशासन लगातार अलर्ट मोड पर है और आपदा प्रबंधन के लिए तैयार है।
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