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ESI हाॅस्पिटल के अभाव में भटकने को मजबूर मजदूर, नहीं मिल रहा सस्ते इलाज का लाभ

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मुंबई: देश में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले पालघर के तारापुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित विभिन्न कंपनियों में लाखों श्रमिक काम कर रहे हैं लेकिन सारी कवायद के बावजूद भी अब तक यहां एक ईएसआई हॉस्पिटल नहीं बन सका है। जिससे उपचार के लिए यहां के लाखों मजदूर दर दर भटकने के लिए मजबूर है। तारापुर औद्योगिक क्षेत्र में डेढ़ हजार से ज्यादा कंपनियां हैं। लेकिन इस औद्योगिक क्षेत्र में ईएसआई का अस्पताल न होने से उपचार के लिए यहां के मजदूरों और उनके परिवारों को भटकना पड़ता है। जबकि मजदूरों और इनकी कंपनियों से करोड़ों रुपए हर साल ईएसआई के नाम पर वसूले जाते हैं।

पिछले कई वर्षो से यहां के मजदूर और इनके संगठन लगातार औद्योगिक क्षेत्र में ईएसआई अस्पताल के निर्माण की मांग कर रहे है। लेकिन मजदूरों की समस्याओं का समाधान होते नही दिख रहा है। जिससे मजदूर और उनके परिवार करोड़ों रुपए जमा करने के बाद भी मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ नही ले पा रहे हैं और उन्हें निजी अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ रहा है। और इसकी एवज में उन्हें मोटी रकम चुकानी पड़ रही है। वहीं, ईएसआई पालघर के ब्रांच मैनेजर पंकज कुमार ने बताया कि तारापुर औद्योगिक क्षेत्र में डेढ़ सौ बेड का एक अस्पताल प्रस्तावित है। लेकिन अस्पताल के निर्माण के लिए जमीन नही मिल सकी है। जिससे अस्पताल के निर्माण में देरी हो रही है।

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ईएसआई क्या है? जानें कौन-कौन करवा सकता है इलाज -

केन्द्रीय श्रम मंत्रालय कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना चलाता है। इस योजना का फायदा निजी कंपनियों, फैक्ट्रियों और कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों को मिलता है। कर्मचारी को ईएसआई कार्ड जारी होता है। अगर कोई इसके तहत मिलने वाले मुफ्त इलाज का लाभ लेना चाहता है तो उसे ईएसआई डिस्पेंसरी या हॉस्पिटल जाना होता है। इसके लिए कर्मचारी ईएसआई कार्ड या फिर कंपनी से लाए गए दस्तावेज के आधार पर स्कीम का फायदा ले सकता है। ईएसआई का लाभ उन कर्मचारियों को उपलब्ध है, जिनकी मासिक आय 21 हजार रुपये या इससे कम है। ईएसआई लाभ प्राप्त करने के लिए शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए न्यूनतम मजदूरी सीमा 25000 रुपये महीना है। अक्षम कर्मचारी के कवरेज के लिए मैक्सिमम वेज सीमा नहीं है।

ईएसआई स्कीम से जुड़े एफएक्यू के मुताबिक, अगर कर्मचारी का वेतन कॉन्ट्रीब्यूशन पीरियड शुरू होने के बाद 21000 रुपये प्रतिमाह की सीलिंग को क्रॉस कर जाता है तो भी वह कॉन्ट्रीब्यूशन पीरियड के खत्म होने तक ईएसआई के दायरे में आने वाला कर्मचारी रहेगा। ऐसे में उसका कॉन्ट्रीब्यूशन डिडक्ट होगा और कुल वेतन पर भुगतान होगा। आधार प्रतिष्ठान के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने कहा कि ईएसआई में सालाना करीब 6 करोड़ रुपए मजदूरों और कंपनियों के योगदान से जमा होता है। लेकिन उन्हें इसके बदले में सुविधाएं नही मिल पा रही। सरकार जल्द यहां अस्पताल बनाए जिससे लाखों मजदूरों को फायदा होगा।

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