कोलकाता: करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) घोटाले में अपने फैसलों की वजह से सुर्खियों में रहे कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने गुरुवार को कहा कि कई बार उन्हें आश्चर्य होता है कि क्या शिक्षक भर्ती घोटाले के असली मास्टरमाइंड को उसके जीवनकाल में ही पकड़ लिया जाएगा।
हर कोई जानता है कि घोटाले के पीछे असली अपराधी कौन हैं। कई बार मुझे आश्चर्य होता है कि क्या इस घोटाले के असली मास्टरमाइंड को मेरे जीवनकाल में ही पकड़ लिया जाएगा। हालांकि, मुझे लगता है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) निश्चित रूप से असली दोषियों को ट्रैक करने में सक्षम होंगे। जस्टिस गंगोपाध्याय ने कोर्ट में कोलकाता के एक नागरिक से बातचीत के दौरान ये बात कही।
नागरिक सुनील भट्टाचार्य ने अपना परिचय राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के आवास से सटे नकटला निवासी बताया, पार्थ चटर्जी जो वर्तमान में शिक्षक भर्ती घोटाले में मुख्य आरोपी के रूप में न्यायिक हिरासत में है। सुनील ने कहा- हालांकि वर्तमान में मैं भुवनेश्वर में रहता हूं, मैं मूल रूप से नकटला का निवासी हूं। पार्थ चटर्जी की असाधारण जीवन शैली, उनके पालतू जानवरों और उन्हें समर्पित एक घर से पूरा इलाका वाकिफ था। केवल पुलिस को कुछ पता नहीं लग रहा था। सर, आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। आप बंगाल की शान हैं। यहां तक कि मेरी 92 वर्षीय मां भी अक्सर आपके बारे में बात करती हैं।
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जवाब में, गंगोपाध्याय ने घोटाले के पीछे के मास्टरमाइंडों पर अपनी टिप्पणी की, जिसने राज्य के कानूनी और राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। बातचीत के दौरान गंगोपाध्याय ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल के लिए गौरव के मामलों को काफी हद तक कलंकित किया गया है। उन्होंने कहा- कुछ साल पहले जब मैं पुरी से कोलकाता की यात्रा कर रहा था, मेरे एक साथी यात्री ने मुझसे कहा कि पश्चिम बंगाल में कॉलेज में प्रवेश के लिए भुगतान करना पड़ता है, ऐसा भुवनेश्वर में नहीं होता। हमें बंगाल का गौरव बहाल करना होगा। आइए हम सब उसके लिए प्रयास करें।
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