लखनऊ: हिंदू धर्म में अधिकतर सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इस साल यह व्रत 4 नवंबर बुधवार के दिन किया जाएगा। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना करते हुए निर्जल रखती हैं। सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखी जीवन के लिए चंद्र देव की पूजा करती हैं। करवा चौथ में कुछ परंपराएं होती हैं। जिनमें से एक रिवाज सरगी का है। आइए जानते हैं क्या है सरगी..
बता दें, सरगी एक भोजन की थाली है जिसमें खाने की कुछ चीजें होती हैं। जिसको खाने के बाद दिनभर निर्जला उपवास रहा जाता है और फिर रात में चांद की पूजा करने के बाद ही खाया जाता है। सरगी लेने का रिवाज सास के हाथों है, लेकिन अगर घर में सास नहीं हैं तो फिर बड़ी ननद या जेठानी के हाथों इसे लेना चाहिए। सरगी लेने का सही समय भोर में तीन से चार बजे के बीच होता है।
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खीर- सरगी खीर को जरूर शामिल करें। खीर शुभ होता है और पोषण के लिए यह शुभ है। फल- फल बहुत जल्दी पच जाते हैं, लेकिन कम समय में जरूरी पोषण और ऊर्जा के लिए ये जरूरी हैं। ड्राय फ्रूट्स- ड्राय फ्रूट्स को सरगी में शामिल करें ताकि दिन भर के लिए पर्याप्त ऊर्जा आपको मिल सके। भोजन- रोटी के साथ हरी सब्जी और सलाद जरूर लें, यह भी दिन भर ऊर्जा देने के साथ ही पोषण की आपूर्ति करेगा।