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Nahida Manzoor: कश्मीरी लड़की ने किया कुछ ऐसा काम, पूरी दुनिया कर रही सलाम

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पंपोरः मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनो में जान होती है; पंख से कुछ नहीं होता, हौंसलों से ही उड़ान होती है। इस कहावात कोकश्मीरी लड़की नाहिदा मंजूर (Nahida Manzoor) ने सच साबित कर दिखाया है। पहले दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर चढ़कर और अब कश्मीर के पंपोर जिले में स्थित बारसू में पैराक्लाइंबिंग (विगलांग लोगों के लिए माउंटेन क्लाइंबिंग)  शुरू करके। नाहिदा ने अपनी उपलब्धि के बारे में बात करते हुए कहा कि यहां तक ​​पहुंचना आसान नहीं था। उन्हें हर कदम पर संघर्ष का सामना करना पड़ा, लेकिन वह अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहीं और तमाम बाधाओं के बावजूद वह बारसू की पहाड़ियों पर पैराक्लाइंबिंग शुरू करने में सफल रहीं। 

Nahida Manzoor को हर कदम पर करना पड़ा संघर्ष 

गौरतलब है कि पैराक्लाइंबिंग एक साहसिक गतिविधि है। कश्मीर समेत देश में कई जगहों पर इसका आयोजन होता है। नाहिदा ने बताया कि वह बारसू में इसकी शुरुआत करना चाहती थीं। इससे यहां पर्यटक आएंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। नाहिदा ने कहा कि इसे यहां शुरू करने के लिए उन्हें हर कदम पर संघर्ष का सामना करना पड़ा। इसकी मंजूरी के लिए उन्हें महीनों प्रशासनिक अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़े। 

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आखिरकार उन्हें मंजूरी मिल गई। नाहिदा ने बताया कि बारसू थोड़ा दुर्गम क्षेत्र में है। यहां पर्यटक नहीं आते थे। लेकिन अब पैराक्लाइंबिंग शुरू होने से यह क्षेत्र पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकेगा। पर्यटकों के आने से जहां स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी। इससे इस क्षेत्र में विकास की किरण भी जगेगी। नाहिदा ने कश्मीरी लड़कियों के अभिभावकों को संदेश दिया कि वे अपने बच्चों को उनकी इच्छा के अनुसार आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करें, ताकि वे अपने सपनों को उड़ान दे सकें और अपने माता-पिता के साथ कश्मीर का नाम रोशन कर सकें।

Nahida Manzoor ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी की फतह 

उल्लेखनीय है कि इससे पहले वर्ष 2021 में नाहिदा ने एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी। 42 दिनों की चढ़ाई के बाद नाहिदा ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी फतह की थी। इससे पहले उन्होंने कश्मीर में स्थित 3966 मीटर ऊंची महादेव चोटी पर पहुंचकर अपनी प्रतिभा और अपने जुनून की मिसाल भी कायम की थी।

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