बेंगलुरु: कर्नाटक हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के अलग-अलग फैसले के तुरंत बाद, राज्य के बिजली, कन्नड़ और संस्कृति मंत्री वी. सुनील कुमार ने गुरुवार को कहा कि प्रतिबंध के आदेश को वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है। मंत्री ने कहा, "राज्य सरकार के पांच फरवरी को जारी आदेश को पलटने का सवाल ही नहीं है। राज्य के शिक्षण संस्थानों में हिजाब और अन्य धार्मिक प्रतीकों पर प्रतिबंध है। स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में यूनिफॉर्म का नियम जारी रहेगा।"
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पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है। प्रतिबंध से पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है। उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विभाजित फैसला दिया है और हम अपना फैसला वापस नहीं लेंगे।" उन्होंने कहा, "कोई भी छात्रा हिजाब पहनकर कक्षाओं में नहीं जा सकती। कांग्रेस और प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को समझना चाहिए कि वे समाज के खिलाफ नहीं जा सकते।"
उन्होंने आगे कहा कि ईरान और इराक जैसे मुस्लिम देशों में हिजाब का कड़ा विरोध है और वे हिजाब को ना कह रहे हैं। इधर, स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पहनने के अधिकार की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पीएफआई की मानसिकता अब बदलनी चाहिए। संस्था पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी इसका समर्थन किया है। मंत्री ने आगे कांग्रेस पार्टी को एक सुझाव दिया कि वे भारत जोड़ो यात्रा के साथ 'हिजाब छोड़ो' का नारा संलग्न करें। उन्होंने आगे कहा, अगर वे ऐसा करते हैं तो इससे अच्छा माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि सभी छात्राओं के लिए एक समान नियम लागू किया गया है।
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