बेंगलुरुः कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Election) में अब कुछ ही दिन शेष बचे है। राज्य में 10 मई को वोट डाले जाएंगे। वहीं राज्य में सत्ता पर काबिज होने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जीतोड़ मेहनत कर रहीं है। साथ ही जनता को लुभाने के लिए तमाम वादे भी किये जा रहे हैं। इस बीच कर्नाटक में सत्ता वापसी की उम्मीद लगाए बैठी कांग्रेस पार्टी ने भी मंगलवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर अपने वादों का पिटारा खोल दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा जारी किए घोषणा पत्र में फ्री बिजली, मुफ्त डीजल के साथ बजरंग दल और नफरत फैलाने वाले संगठनों के बैन करने का वादा किया।
दरअसल भाजपा द्वारा अपने संकल्प पत्र में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) का वादा करने के एक दिन बाद, कांग्रेस ने समाज में नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों, संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया। फिर चाहे वो बजरंग दल,बहुसंख्यक समुदाय, अल्पसंख्यक समुदाय या फिर PFI जैसे संगठनों से ही क्यों न हों। हालांकि कांग्रेस द्वारा किए गए कई वादों से विवाद खड़ा हो सकता है।
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इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने अपने कर्नाटक में खाली पड़े सभी स्वीकृत सरकारी पदों को भरने का वादा किया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि 2006 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को ओपीएस के तहत पेंशन दी जाएगी। पार्टी ने SC-ST, OBC, अल्पसंख्यक और लिंगायत और वोक्कालिगा जैसे अन्य समुदायों की आशाओं और आकांक्षाओं को समायोजित करने के लिए अधिकतम सीमा और आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का वादा किया है। पार्टी ने अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम, ईसाई, जैन, बौद्ध और अन्य के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड आवंटित करने का भी वादा किया है।
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