भोपालः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने किसानों के मुद्दे पर एक बार फिर शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने सरकार पर अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मूंग खरीद शुरू नहीं का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार की लेट लतीफी के कारण ज्यादातर किसानों को औने-पौने दाम में व घाटे में अपनी मूंग व्यापारियों को बेचनी पड़ रही है। उन्होंने सरकार को किसानों को भावांतर की राशि तत्काल भुगतान करने की मांग की है।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोमवार को एक बाद एक कई ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज सरकार का किसान विरोधी चेहरा समय-समय पर सामने आता रहता है। शिवराज सरकार के किसान विरोधी निर्णयों से प्रदेश का किसान हमेशा से ठगाता रहा है। शिवराज सरकार की लापरवाही व लेट लतीफ़ी से प्रदेश में मूंग उत्पादक किसान एक बार फिर घाटा उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब मूंग की खरीदी प्रारंभ हो जानी थी तब सरकार सोई रही और किसानों की निरंतर मांग और विरोध के बाद देरी से केवल पंजीयन प्रारंभ किया जबकि भारत सरकार से मूंग खरीदी की अनुमति मिली हुई थी और आचार संहिता से भी इसका कोई संबंध नहीं था। सरकार ने अभी तक मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नही की है और जिसके कारण ज्यादातर किसान भाइयों को औने-पौने दाम में व घाटे में अपनी मूंग व्यापारियों को बेचनी पड़ी।
व्यापारियों को मिलेगा फायदा
कमलनाथ ने कहा कि एक बार फिर सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीद का फायदा किसानों को नहीं बल्कि व्यापारियों को मिलेगा। शिवराज सरकार चाहती भी यही है। एक तरफ तो भाजपा सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करती है, वहीं दूसरी तरफ इस तरह के किसान विरोधी निर्णय लेती है, जिससे मध्यप्रदेश में खेती घाटे का धंधा ही बनी रहे। यह शिवराज सरकार की वास्तविकता है। सरकार की लापरवाही के कारण औने पौने दामों पर मूंग बेचने को मजबूर हुए किसानों को भावांतर की राशि का भुगतान शिवराज सरकार को अब तत्काल करना चाहिए।
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