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आरक्षण को लेकर कमलनाथ ने फिर साधा शिवराज पर निशाना, लगाए ये आरोप

भोपालः प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ओबीसी आरक्षण को लेकर एक बार फिर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने भाजपा पर ओबीसी के साथ धोखाधड़ी करने का बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि ओबीसी वर्ग को पूरा लाभ नहीं मिला है, साथ ही उन्होंने नगरीय निकाय चुनाव की प्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।

कमलनाथ ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि जिला पंचायत के 875 सदस्य पूरे प्रदेश में हैं। ओबीसी को 98 पद मिले। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ घोर अन्याय किया है, 2022 के पंचायत चुनाव में भाजपा सरकार ने ओबीसी वर्ग को जिला पंचायत सदस्य की मात्र 11.2 प्रतिशत सीटें, जनपद पंचायत अध्यक्ष की मात्र 9.5 प्रतिशत सीटें, जनपद पंचायत सदस्य की मात्र 11.5 प्रतिशत सीटें दी हैं और सरपंच की मात्र 12.5 प्रतिशत सीटें दी हैं। यही नही, अन्य पिछड़ा वर्ग को 19 जिलों में जिला पंचायत सदस्य के शून्य पद, 28 जिलों में जनपद पंचायत अध्यक्ष के लिए शून्य पद और 10 जिलों में जनपद पंचायत सदस्य के लिए शून्य पद दिए है।

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इसके अलावा महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली और नगर पालिका, नगर परिषद अध्यक्ष चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने के सरकार के फैसले पर भी कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ये जनता का सामना करने से डर रहे हैं, हम चाहते हैं कि हर चुनाव जनता से हो। सरकार ने ऐसी प्रणाली बनाई है कि जिससे उन्हें खरीदने का, सौदा करने का, दबाने का मौका मिले और पंच पार्षदों को कैसे खरीदा जाए कैसे दबाया जाये। हालांकि इस तरह का बयान देकर कमलनाथ ने एक तरह से अपने ही पुराने फैसले पर सवाल उठाए हैं क्योंकि 2018 में सत्ता में वापस आने के बाद कमलनाथ ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का फैसला लिया था। लेकिन बाद में शिवराज सरकार की वापसी के बाद यह फैसला बदल दिया गया।

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