
नई दिल्लीः केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के बाद हवाई यात्रा की भारी मांग का हवाला देते हुए मंगलवार को सात राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश से जेट ईंधन पर कर कम करने का आग्रह किया। मंत्री ने नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। सिंधिया ने कहा कि हवाई यातायात वृद्धि छोटे शहरों द्वारा संचालित होगी। जेट ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) अभी भी गोवा, असम, दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार और तमिलनाडु में 20-30 प्रतिशत की सीमा में है।
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जेट ईंधन की लागत एयरलाइन की परिचालन लागत का एक बड़ा हिस्सा है और कई राज्यों ने पिछले कुछ महीनों में करों को कम कर दिया है। मंत्री ने कुछ राज्यों में जेट ईंधन पर हाई वैट के संदर्भ में प्रवेश बाधाओं को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जेट ईंधन पर 1-4 प्रतिशत की सीमा में वैट है।
पहले लगाए जा रहे एटीएफ पर हाई वैट का संज्ञान लेते हुए मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ इस मुद्दे को उठाया था। नतीजतन, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात, दादरा, नगर हवेली, दमन, दीव, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, झारखंड और मिजोरम द्वारा एटीएफ पर वैट कम किया गया है।
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