नई दिल्लीः भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण ने गुरुवार को केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री से उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित (यूयू ललित) के नाम की सिफारिश की। शीर्ष अदालत की एक विज्ञप्ति के अनुसार, "भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन.वी. रमण ने आज कानून और न्याय मंत्री से उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित के नाम की सिफारिश की। न्यायमूर्ति रमण ने 3.08.2022 की तारीख अंकित सिफारिशी पत्र की एक प्रति आज (4.08.2022) सुबह सौंपी।"
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न्यायमूर्ति रमण, जो 26 अगस्त को सेवानिवृत्ति पर पद छोड़ने के लिए तैयार हैं, को बुधवार को कानून और न्याय मंत्री से उनके उत्तराधिकारी को नामित करने के लिए एक पत्र मिला। शीर्ष अदालत की एक विज्ञप्ति में बुधवार को कहा गया था : "आज (03.08.2022) 21.30 बजे भारत के प्रधान न्यायाधीश के सचिवालय को कानून और न्याय मंत्री से दिनांक 03.08.2022 को एक संचार प्राप्त हुआ है, जिसमें सीजेआई से उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध किया गया है।"
न्यायमूर्ति यू.यू. ललित, जो सर्वोच्च न्यायालय में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं, भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश बनने की कतार में हैं। न्यायमूर्ति ललित को बार से सीधे शीर्ष अदालत में नियुक्त किया गया था। भारत के प्रधान न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल तीन महीने से कम का होगा। जस्टिस ललित 8 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे। मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के अनुसार, कानून मंत्री अपने उत्तराधिकारी को नामित करने के लिए निवर्तमान सीजेआई से सिफारिश मांगते हैं। आमतौर पर, भारत के मौजूदा प्रधान न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति के एक महीने के भीतर सिफारिश मांगी जाती है।
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