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UCC को झामुमो ने बताया ‘चुनावी एजेंडा’, आदिवासी समुदाय का उठाया मुद्दा

Chief Minister Hemant Soren preparing to go to court
cm-hemant-soren रांची: समान नागरिक संहिता (UCC) का मुद्दा झारखंड में भी गरमा गया है। सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के प्रयासों को विभाजनकारी बताया है। झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya on UCC) ने यूसीसी लागू करने के मोदी सरकार के प्रयासों को विभाजनकारी बताया। उन्होंने कहा कि देश इसे स्वीकार नहीं करेगा, साथ ही कहा कि यह सिर्फ मोदी सरकार का चुनावी एजेंडा है और यह बेहद गंभीर मुद्दा भी है। सुप्रियो ने कहा कि जब बीजेपी और उसके नेता यूसीसी की बात करते हैं तो उन्हें बताना चाहिए कि आदिवासी समुदाय के बारे में उनकी सोच क्या है।

आदिवासी समाज के बारे में अपनी सोच बताए भाजपा

उन्होंने आदिवासी समुदाय के रीति-रिवाजों पर संविधान के अनुच्छेद 5 और अनुच्छेद 6 का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें संविधान से सुरक्षा मिली है, वे इसे कैसे बदलेंगे? क्या आदिवासियों और मूलवासियों को बाहर कर दिया जायेगा, यह आज एक बड़ा सवाल है। आदिवासी समाज को लेकर बीजेपी की क्या सोच है, इसे सार्वजनिक करना चाहिए. सरना धर्म कोड का क्या हुआ, यह बताना चाहिए। सुप्रियो ने कहा कि यूसीसी महज एक मनुवादी सोच है और देश इसे स्वीकार नहीं करेगा। ये भी पढ़ें..Deoghar: भक्त नहीं कर सकेंगे स्पर्श पूजा, शीघ्र दर्शन के लिए...

कांग्रेस ने कहा, चुनावी फायदा लेने की कोशिश

झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने यूसीसी लागू करने के प्रयासों को भाजपा की चुनावी लाभ लेने की कोशिश करार दिया। उन्होंने कहा कि जब मणिपुर जल रहा था तो प्रधानमंत्री अपना बूथ मजबूत कर रहे थे और गृह मंत्री का कहीं पता नहीं था। ऐसे में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में अपने कार्यकर्ताओं से यूसीसी (UCC) की बात की तो देशवासियों को समझ आ गया कि कहीं न कहीं चुनाव होने वाले हैं। राकेश ने कहा कि यूसीसी को लेकर देशवासियों से राय मांगी गयी है। उन्होंने कहा कि राय आने दीजिए. कांग्रेस सही समय पर देश की जनता के सामने अपनी बात रखेगी।

राष्ट्रीय जनता दल ने भी विरोध प्रदर्शन किया

राष्ट्रीय जनता दल की प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने बहुत सोच समझकर संविधान बनाया था। उन्होंने सभी धर्मों और पंथों के लोगों को अपने तरीके से जीने की आजादी दी थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच क्या है ये तो वो जानें, लेकिन राजद के मुताबिक एक कानून सबके लिए ठीक नहीं है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)