रांची: वन भूमि को रैयती भूमि बताकर बेचने की जांच के लिए झारखंड हाइकोर्ट (Jharkhand High Court) में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने अधिवक्ता राजीव कुमार को निर्देश दिया है कि वे हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई को लेकर मीडिया के सामने गैरजिम्मेदाराना बयान न दें।
चाईबासा मनरेगा घोटाले से जुड़ी जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने कहा है कि हमने जांच ईडी को नहीं दी थी, फिर भी मीडिया में खबरें छपीं कि हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी ईडी को दी है। कोर्ट ने कहा कि इसलिए अधिवक्ताओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे मीडिया के सामने लापरवाही से बयान न दें।
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हाल ही में चाईबासा जिले में हुए 28 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले की जांच की मांग को लेकर हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में दायर याचिका पर सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने राज्य सरकार को मामले में दर्ज सभी एफआईआर की कॉपी ईडी को देने का निर्देश दिया था। साथ ही कोर्ट ने ईडी को एक महीने के भीतर इसकी जांच कर पूरी कार्रवाई की जानकारी देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 31 सितंबर को होगी।
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