रांची (Jharkhand): झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ईडी के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि ईडी की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए ईडी को तथ्यपरक और पारदर्शी होना चाहिए। ईडी को बीजेपी के सदस्य की तरह काम नहीं करना चाहिए। भट्टाचार्य मंगलवार को हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई से पूरी तरह पता चलता है कि बीजेपी पहले धर्म के नाम पर, संप्रदाय के नाम पर और ईडी की कार्रवाई के नाम पर डरा रही है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद भी ईडी की कार्रवाई जारी रही। इसका फायदा बीजेपी को हुआ। अब झारखंड में भी यही किया जा रहा है। उन्होंने पूछा कि ईडी के समन की जानकारी कैसे सामने आती है, जबकि ये जानकारी पब्लिक डोमेन में नहीं डाली गई है। इससे पता चलता है कि राज्य सरकार को परेशान करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। ईडी की इस कार्रवाई को लेकर राज्य के लोगों में गुस्सा है। ईडी सिर्फ भ्रम पैदा कर रहा है।
ये भी पढ़ें..Jharkhand: समन के बावजूद ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे सीएम के प्रेस सलाहकार
उन्होंने कहा कि सबसे पहले ईडी ने 14 अगस्त को समन जारी किया था जबकि इस दिन सीएम इतने व्यस्त थे, लेकिन उसके बाद भी समन जारी किया गया। जारी छापेमारी में ईडी को यह जानकारी देनी चाहिए कि किसके पास से क्या बरामद हुआ है। हमें ईडी से राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2024 चुनावी साल है। हर पार्टी के लिए तीन से छह महीने अहम होते हैं। इस दौरान राजनीतिक दल द्वारा किये गये कार्यों का प्रचार-प्रसार किया जाता है। यह एक लोकतांत्रिक परंपरा है, हर राजनीतिक दल इसे अपने तरीके से निभाता है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)
देश