संयुक्त राष्ट्र में जयशंकर ने कनाडा को घेरा, कहा- मनमाने नियम थोपने के दिन लद गए
Published at 26 Sep, 2023 Updated at 27 Sep, 2023
नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में कनाडा और पश्चिमी देशों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि आतंकवाद के प्रति रवैया राजनीतिक लाभ-हानि के आधार पर तय नहीं किया जाना चाहिए। वे दिन लद गए जब कुछ देश नियम और कानून तय करते थे और उन्हें दूसरे देशों पर थोपते थे।
भारत-कनाडा टकराव पर बोले विदेश मंत्री
संयुक्त राष्ट्र महासभा की सामान्य चर्चा में 'नमस्ते फ्रॉम भारत' के साथ अपना संबोधन शुरू करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप जैसे मुद्दों पर दोहरा मापदंड नहीं अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कनाडा में खालिस्तानी आतंकी के मारे जाने के बाद कनाडा और भारत के बीच चल रहे टकराव का सीधा जिक्र करते हुए कहा कि नियमों और कानूनों का पालन सभी देशों पर समान रूप से लागू होता है। उन्होंने कहा कि आजकल नियम आधारित विश्व व्यवस्था की अक्सर चर्चा होती है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करने का भी आह्वान किया जा रहा है, लेकिन इन सब बातों के बावजूद यह सच है कि कुछ देश एजेंडा और नियम तय करते हैं। यह पैटर्न अनिश्चित काल तक जारी नहीं रह सकता और इसे चुनौती दी जाएगी।
G20 का भी जिक्र
जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री ने अफ्रीकी महाद्वीप की आवाज उठाई और उसे संगठन का स्थायी सदस्य बनाने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस कदम के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी समय के अनुरूप सुधार किया जाना चाहिए। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के समाधानकारी दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि आज दुनिया में पूर्व और पश्चिम तथा उत्तर (पश्चिमी देश) और दक्षिण (विकासशील-कम विकसित देश) के बीच ध्रुवीकरण का माहौल है। इसके बीच असमानता है। हमारा प्रयास मतभेदों को दूर कर आम सहमति कायम करना है।
उन्होंने कहा कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन के बाद भारत अब 'विश्व मित्र' की नीति पर चल रहा है। हम अपने विभिन्न साझेदार देशों के साथ सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। हमारा प्रयास विभिन्न देशों को एक साथ लाना और उनके हितों में सामंजस्य स्थापित करना है।'
याद दिलाया कोरोना काल
जयशंकर ने कोविड वैक्सीन और पर्यावरण संकट से निपटने में पश्चिमी देशों के पाखंडी रवैये पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें भविष्य में वैक्सीन वितरण में हुए अन्याय को दोहराने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। इसी तरह, अमीर देशों को पर्यावरण संरक्षण योजनाओं के संबंध में अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारी से नहीं भागना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि अमीर देश मार्केट की ताकत के आधार पर खाद्यान्न और ऊर्जा नहीं हड़प सकते। इन पर गरीब देशों का भी समान अधिकार है। जयशंकर ने अपने संबोधन में यूक्रेन युद्ध का कोई जिक्र नहीं किया, लेकिन दुनिया भर में चल रहे विवादों, विवादों और मतभेदों पर चर्चा की।
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कूटनीतिक हलकों में कयास लगाए जा रहे थे कि विदेश मंत्री अपने संबोधन में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बेबुनियाद आरोपों का बिंदुवार जवाब देंगे। विदेश मंत्री ने कूटनीतिक शालीनता और स्पष्टवादिता के साथ कनाडा और उसके सहयोगी देशों को स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद और विश्व व्यवस्था पर दोहरे मानकों के नियम सभी पर समान रूप से लागू होते हैं। यह संभव नहीं है कि कुछ ताकतवर देश नियम बनाएं, खुद लागू न करें और दूसरे देशों पर थोप दें। अब इसके दिन लद गए हैं।
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