
यह भी पढ़ें-कर्नाटक में कांग्रेस को प्रचंड़ बहुमत ! शिमला के जाखू हनुमान मंदिर में प्रियंका गांधी ने की पूजा-अर्चना कांग्रेस पार्टी ने यह चुनाव आजीविका और खाद्य सुरक्षा, मूल्य वृद्धि, किसानों के संकट, बिजली आपूर्ति, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के स्थानीय मुद्दों पर लड़ा था। प्रधानमंत्री ने विभाजनकारी रणनीति अपनाई और ध्रुवीकरण करने की कोशिश की। कर्नाटक ने बेंगलुरु में एक ऐसे इंजन के लिए मतदान किया है जो आर्थिक विकास को सामाजिक सद्भाव के साथ जोड़ेगा। भाजपा ने अपने चुनाव अभियान को प्रधानमंत्री और राज्य पर उनका 'आशीर्वाद' मांगने वाला जनमत संग्रह बना लिया था। इसे निर्णायक रूप से खारिज कर दिया गया है! जयराम रमेश ने कहा कि बीजेपी ने जहां ध्रुवीकरण को चुना तो कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ा था। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)जैसे-जैसे कर्नाटक चुनाव का परिणाम अंतिम रूप ले रहा है, वैसे-वैसे स्पष्ट होता जा रहा है कि कांग्रेस जीत गई है और प्रधानमंत्री हार गए हैं। बीजेपी ने अपने चुनाव अभियान को पीएम और राज्य को उनका 'आशीर्वाद' मिलने को लेकर जनमत संग्रह बना लिया था। इसे स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया गया है!…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 13, 2023