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Jagannath Rath Yatra 2023: सहस्त्रधारा स्नान के बाद बीमार हुए भगवान जगन्नाथ

Jagannath Rath Yatra 2023: Lord Jagannath fell ill after bathing in Sahastradhara
jagannath-rath-yatra-2023 रांची : राजधानी रांची के धुर्वा में 20 जून से दस दिवसीय ऐतिहासिक जगन्नाथपुर मेले की शुरुआत होगी। मेले का समापन 29 जून को घुरती रथ यात्रा के साथ होगा। रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) की तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। इस यात्रा को लेकर पुलिस और प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी है। रांची के जगन्नाथपुर मंदिर में रविवार को भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का सहस्त्रधारा स्नान अनुष्ठान किया गया। जगन्नाथपुर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान जगन्नाथ को 108 घड़े ठंडे जल से स्नान कराया गया, इसके बाद भगवान को बुखार आ गया।

बंद रहेंगे मंदिर के कपाट -

15 दिनों तक भगवान जगन्नाथ को एक विशेष कमरे में एकांत में रखा जाता है, जहां केवल उनके वैद्य और निजी सेवक ही उनसे मिल सकते हैं। भगवान जगन्नाथ के मंदिर के कपाट भी बंद रहेंगे। इसके बाद 15वें दिन मंदिर के पट खुलेंगे और भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों को दर्शन देंगे। फिर जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) शुरू होगी।

15 दिनों तक काढ़े का सेवन करेंगे जगन्नाथ -

भगवान जगन्नाथ को हर साल एक बार स्नान कराया जाता है, जिसे स्नान यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। भगवान जगन्नाथ स्नान करने के बाद 15 दिनों तक बीमार रहते हैं। मंदिर 15 दिनों के लिए बंद रहता है। यहां तक ​​कि भगवान जगन्नाथ की रसोई भी बंद है। भगवान को 56 भोग भी नहीं खिलाया जाता है। 56 भोग की जगह 15 दिनों तक काढ़े का भोग भगवान को लगाया जाता है। इस दौरान भगवान को आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां भी चढ़ाई जाती हैं। इस दौरान भगवान जगन्नाथ की बीमारी की जांच के लिए डॉक्टर भी रोजाना आते हैं। काढ़े के अलावा फलों का रस भी देवता को चढ़ाया जाता है। इसके साथ ही रोजाना कोल्ड कंप्रेस भी लगाया जाता है। ये भी पढ़ें..अब नए रूट पर चलेगी पटना-रांची वंदे भारत एक्सप्रेस, घट जाएगी दूरी

यह है जगन्नाथपुर मंदिर रथ यात्रा कार्यक्रम -

  • रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) 19 जून को शाम 4 बजे से शुरू होगी
  • 20-जून, सुलभ दर्शन सुबह 5 बजे से
  • रथयात्रा के लिए सामूहिक पूजन 20 जून को दोपहर 2 बजे से
  • रथ यात्रा शाम 4:30 बजे शुरू होती है
  • शाम साढ़े छह बजे मौसी बाड़ी आगमन
  • कार्यक्रम का समापन 29 जून को घुरती रथ यात्रा के साथ होगा
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