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ब्लैक होल के राज खोलेगा ISRO, नए साल पर लॉन्च होगी एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट

ISRO
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ब्लैक होल जैसी अंतरिक्ष घटनाओं को समझने के लिए सोमवार को अपना पहला एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह लॉन्च करेगा। इससे पहले अक्टूबर में इसरो ने गगनयान के टेस्ट व्हीकल डी1 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया था।

इसे समझना चुनौतीपूर्ण

इसरो के मुताबिक, मिशन लॉन्च की लॉन्चिंग को लाइव देखा जा सकता है। इसरो का कहना है कि इसका उद्देश्य विषम परिस्थितियों में चमकीले खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन करना है। विभिन्न खगोलीय स्रोतों जैसे ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, पल्सर पवन निहारिका आदि के उत्सर्जन तंत्र जटिल भौतिक प्रक्रियाओं से उत्पन्न होते हैं और इन्हें समझना चुनौतीपूर्ण है।

खगोलीय घटनाओं के बारे में मिलेगी जानकारी

इसरो के सूत्रों ने कहा कि पीएसएलवी-सी58 की उलटी गिनती आज सुबह 8.10 बजे शुरू हो गई। इससे रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद मिलेगी। इसरो के अनुसार, यह अंतरिक्ष-आधारित ध्रुवीकरण माप में खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अध्ययन करने वाला अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है। यह भी पढ़ेंः-COVID-19 सब-वेरिएंट JN1 के मामलों में इजाफा! 24 घंटे में कोरोना के 841 नए मामले दर्ज भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अलावा, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोट के अवशेषों, ब्लैक होल से निकलने वाले कणों की धाराओं और अन्य खगोलीय घटनाओं का एक समान अध्ययन किया था। इसरो ने कहा कि अंतरिक्ष-आधारित अध्ययन एक्स- किरण ध्रुवीकरण अंतर्राष्ट्रीय महत्व प्राप्त कर रहा है और EXPOSACT मिशन इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)