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ISRO: इसरो ने लॉन्च किया NAVIC सैटेलाइट, भारत की ये तीसरी आंख अंतरिक्ष से रखेगी सब पर नजर !

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ISRO श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार (29 मई) को स्वदेशी नेविगेशन सेटेलाइट (NAVIC) GPS सेवाओं को बढ़ाने के लिए एक नई पीढ़ी का उपग्रह लॉन्च किया। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किए गए GSLV-F12 रॉकेट पर NVS-1 सैटेलाइट को स्थापित किया गया था। दो हजार किलोग्राम से ज्यादा वजनी अंतरिक्ष यान एनवीएस-01 भारत की नौवहन और निगरानी क्षमताओं को बढ़ाएगा। फिलहाल इस अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया गया है। बता दें कि यह सैटेलाइट 2016 में लॉन्च किए गए IRNSS-1G सैटेलाइट की जगह लेगा। IRNSS-1G सैटेलाइट ISRO के रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम NavIC का सातवां सैटेलाइट है। मालूम हो कि 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान जब भारत सरकार ने घुसपैठ कर रहे पाकिस्तानी सैनिकों की स्थिति जानने के लिए अमेरिका से मदद मांगी थी तब अमेरिका ने जीपीएस सपोर्ट देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद भारत अपना खुद का नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम बनाने में लगा हुआ था। ये भी पढ़ें..Ujjain: तेज आंधी बारिश से महाकाल लोक की कई मूर्तियां टूटी, बाल-बाल बचे श्रद्धालु

क्या है NAVIC सैटेलाइट?

स्वदेशी नेविगेशन सैटेलाइट (NAVIC) इसरो द्वारा विकसित और निर्मित है। यह सात उपग्रहों का समूह है, जो अंतरिक्ष में ग्राउंड स्टेशनों की तरह काम करेगा। यह नेटवर्क रणनीतिक रूप से आम लोगों से सैन्य बलों को नौवहन सेवाएं प्रदान करेगा। भारत में एविएशन सेक्टर में बढ़ती मांगों को देखते हुए यह सिस्टम बेहतर नेविगेशन, टाइमिंग और पोजिशनिंग में मदद करेगा। इस सैटेलाइट के जरिए भारत और उसके आसपास का करीब 1500 किलोमीटर का इलाका निगरानी में आ जाएगा। इस उपग्रह के साथ इसरो ने पहली बार स्वदेशी रूप से विकसित रूबिडियम परमाणु घड़ी भी प्रक्षेपित की है।

NVS-01 बनेगा भारत की तीसरी 'आंख'

भारत का NVS-01 के जरिए नेविगेशन सिस्टम को और मजबूत हो जाएगा। साथ ही देश की सीमाओं पर निगरानी रखने में मदद करेगा। उधर भारत के इस सैटेलाइट के अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक स्थापित करने से चीन और पाकिस्तान की मिर्ची लगना तय है। दोनों देश भारतीय सीमाओं पर लगातार भड़काऊ कार्रवाई करते रहे हैं। मान जा रहा है कि एनवीएस-01 के जरिए अब भारत सीमाओं पर पड़ोसी देशों की नापाक हरकतों का समय रहते जवाब दिया जा सकेगा। इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति में ISRO का एनएवीआईसी उपग्रह सुरक्षा एजेंसियों को रास्ता दिखाने के लिए देश की तीसरी आंख के रुप में काम करेगा। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)