नई दिल्लीः अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 09 फीसदी कर दिया है। इससे पहले आईएमएफ ने अक्टूबर में चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 9.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। हालांकि, आईएमएफ ने मंगलवार को अपने ताजा अनुमान में कहा कि अगले वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.1 फीसदी की दर से बढ़ेगी।
वाशिंगटन स्थित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान ने विश्व आर्थिक परिदृश्य पर जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 9 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आईएमएफ के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय संभावनाएं ऋण की बढ़ोत्तरी एवं उसके साथ निवेश और उपभोग की वृद्धि पर निर्भर हैं। बता दें कि आईएमएफ से पहले भी कई रेटिंग्स एजेंसियों ने कोविड-19 वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रोन की वजह से कारोबारी गतिविधियों और आवागमन पर पड़ने वाले प्रभाव के चलते अपने विकास दर के अनुमान में कटौती कर चुकी है।
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उल्लेखनीय है कि बीते वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट आई थी। आईएमएफ का ताजा विकास दर का ये अनुमान वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के 9.2 फीसदी और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के 9.5 फीसदी के अनुमान से कम है। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष का यह अनुमान एसएंडपी के 9.5 फीसदी और मूडीज के 9.3 फीसदी के अनुमान से भी कम है। हालांकि, आईएमएफ का ताजा अनुमान विश्व बैंक के 8.3 फीसदी और फिच के 8.4 फीसदी की वृद्धि दर से ज्यादा है।
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