नई दिल्लीः ब्रिटेन की लेबर पार्टी के भारतीय मूल के सांसदों ने अपने नेता कीर स्टार्मर के समर्थन में रैली करते हुए आम चुनाव के लिए अपने आह्वान को तेज कर दिया और कहा कि मौजूदा संकट को केवल नए नए चुनाव से ही हल किया जा सकता है। कंजर्वेटिव डाउनिंग स्ट्रीट में लिज ट्रस को बदलने की दौड़ में शामिल है, जो 28 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। बर्मिंघम एजबेस्टन की सांसद प्रीत कौर गिल ने लिखा है कि राजनीतिक अस्थिरता ने सरकार को पंगु बना दिया है। अब बहुत हो गया! आम चुनाव हो। 12 साल की टोरी विफलता के बाद, ब्रिटेन बेहतर कल का हकदार है। हमें एक नई शुरूआत करनी चाहिए। पंजाबी और सिख प्रवासी समुदायों वाले वेस्ट मिडलैंड्स की सांसद गिल ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में कीर स्टार्मर की लेबर सरकार ब्रिटेन को स्थिरता और नेतृत्व प्रदान करेगी।
लिज ट्रस के उत्तराधिकारी देश का नेतृत्व करने वाले पांचवें प्रधानमंत्री होंगे। ये खेल एक हफ्ते चलेगी, पिछली बार एक महीने से अधिक समय लगा था। जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार 12 साल सत्ता में रहने के बाद कंजरर्वेटिव्स का सफाया हो सकता है। नॉटिंघम ईस्ट के सांसद व्हिटोम ने ट्वीट किया कि लिज ट्रस इतिहास में को अमीरों को सुविधाएं देकर आम लोगों का जीवन संकट में डालने और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए इतिहास में याद किया जाएगा। व्हिट्टोम, जिनके सिख पिता बंगा पंबाज से यूके चले गए थे, ने कहा कि 2019 के बाद से टोरी ने हमें एक ऐसा पीएम दिया, जिसने लोगों की मौत के दौरान पार्टी की, कानूनों को तोड़ा और झूठ बोला। चुनावी सर्वे के मुताबिक 21 अक्टूबर को लेबर पार्टी को 54 प्रतिशत लोगों का समर्थन हासिल था, 23 सितंबर को 41 प्रतिशत था। इसी अवधि में टोरी का समर्थन 33 प्रतिशत से गिरकर 21 प्रतिशत हो गया। गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार आंकड़े संभवत: आम चुनाव में लेबर की भारी जीत में तब्दील हो सकते हैं।
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स्टॉकपोर्ट के एक सांसद नवेंदु मिश्रा ने कहा कि हमें आम चुनाव की जरूरत है। स्लो से सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए कहा कि 2010 से 50 प्रतिशत अदालतें बंद हो गईं। अदालत की तारीखें पाने के लिए 4 साल तक प्रतीक्षा करना पड़ता है। रिकॉर्ड बैकलॉग है। यह सरकार कमजोरों को निराश कर रही है। आम चुनाव के लिए संसद में 649,000 से अधिक लोगों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं। लेबर सांसद थंगम देबोनायर ने अपने ट्वीट में कहा कि हमें एक आम चुनाव की आवश्यकता है। यूके में अगला आम चुनाव मई, 2024 में होना है। विशेषज्ञों के मानना है कि कंजर्वेटिव पार्टी के नेता चुनाव से परहेज करते हैं, क्योंक चुनाव में वर्तमान में हासिल 71-सीट से नीचे जाने की आशंका है। हालांकि मौजूदा प्रधानमंत्री के पास यह अधिकार है कि यदि वे चाहें तो आम चुनाव समय से पहले करा सकते हैं। 2017 में तत्कालीन पीएम थेरेसा ने अपने बहुमत को बढ़ाने के लिए चुनाव कराया, लेकिन उनका यह कदम गलत साबित हुआ, क्योंकि उनकी पार्टी ने संसद में बहुमत खो दिया। इसके विपरीत बोरिस जॉनसन ने 2019 में एक प्रारंभिक आम चुनाव का आह्वान किया, जिसके परिणामस्वरूप कंजर्वेटिव पार्टी की शानदार जीत हुई। प्रधानमंत्री के अलावा ब्रिटिश संविधान में कहा गया है कि सम्राट भी संसद को भंग कर सकता है।
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