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और घातक होगी भारतीय वायुसेना, दो हफ्तों के भीतर 5 राफेल आएंगे बेड़े में

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दिल्ली:  भारतीय वायुसेना की ताकत अब और ज्यादा बढ़ने वाली है। पांच राफेल लड़ाकू विमान 29 जुलाई को फ्रांस से भारत लाए गए थे और देश में 24 घंटों के भीतर व्यापक प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया। बता दें, अब 5 और राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना में शामिल होने जा रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस से आए राफेल लड़ाकू विमानों को औपचारिक रूप से 10 सितंबर 2020 को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में हरियाणा के अंबाला हवाई अड्डे पर एक समारोह में शामिल करेंगे। भारत ने फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पारेल को भी आमंत्रित किया है।

बता दें, पहली किश्त में भारत को फ्रांस से पांच राफेल विमान मिले है, जिसमें तीन सिंगल सीटर और दो डबल सीटर हैं। वायु सेना फ्रांस से आने के तुरंत बाद विमानों पर कड़ी ट्रेनिंग कर रही है। अभ्यास के दौरान राफेल ने लद्दाख क्षेत्र में बड़े पैमाने पर उड़ान भरी। विमान को हवा और जमीन दोनों जगहों पर अपने टारगेट को तबाह करने के लिए घातक Meteor, MICA, SCALP और हैमर मिसाइलों से लैस किया गया है। इस विमान को सुखोई और मिग-29 सहित शेष भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े के साथ एकीकृत किया जाएगा।

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ये फ्रांसीसी लड़ाकू विमान वायु सेना के 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं। लड़ाकू विमान पहले ही लद्दाख क्षेत्र में उड़ान भर चुके हैं। वे उस इलाके से परिचित हैं, जिस पर उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में उड़ान भरनी है। राफेल में हवा से हवा में, हवा से जमीन पर मार करने की क्षमता है। राफेल में लगे हैमर मिसाइल भारतीय वायु सेना को अपने पारंपरिक विरोधी चीन और पाकिस्तान पर दक्षिण एशियाई आसमान में लंबी दूरी से मारने की क्षमता के कारण बढ़त मिलने की उम्मीद है। आपको बता दें, भारत ने करीब 60,000 करोड़ रुपये की लागत से फ्रांस से 36 राफेल खरीदने का अनुबंध किया है, जिसमें से अधिकांश भुगतान पहले से ही फ्रांसीसी फर्म डसॉल्ट एविएशन को किए गए हैं।