Jammu-Kashmir Poonch Terror Attack, नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में शनिवार को भारतीय वायुसेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले में एक जवान शदीद हो गया है, जबकि चार अन्य घायल वायुसेना कर्मियों का उधमपुर के कमांड अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं हमले के बाद रविवार को सुरक्षाकर्मियों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया है। रविवरा को वायुसेना ने आतंकी हमले में विक्की पहाड़े के बलिदान को सलाम करते हुए गहरा शोक व्यक्त किया
Poonch Terror Attack: तलाशी अभियान जारी
बता दें कि शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के शाहसीतार के पास आतंकियों ने भारतीय वायुसेना के वाहनों के काफिले पर हमला कर दिया। भारतीय सेना के अतिरिक्त बल शनिवार देर रात पुंछ के जर्रा वली गली (JWG) पहुंचे। पुंछ सेक्टर के सनाई गांव में हुए हमले के बाद पांच घायल सैनिकों को उधमपुर के कमांड अस्पताल ले जाया गया, जहां घायल वायुसैनिकों में से एक कॉर्पोरल विक्की पहाड़े ने दम तोड़ दिया। स्थानीय सैन्य इकाइयां फिलहाल रविवार को इलाके में विभिन्न स्थानों पर नाकाबंदी कर घेराबंदी और तलाशी अभियान चला रही हैं।
भारतीय वायु सेना ने कॉर्पोरल विक्की पहाड़े के प्रति संवेदना व्यक्त की है, जिनकी शनिवार शाम को हमले में घायल होने के कारण मौत हो गई। वायु सेना की ओर से रविवार को एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और सभी भारतीय वायु सेना कर्मियों ने कॉर्पोरल पहाड़े को उनकी बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान के लिए सलाम करते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, "इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं और दुख की इस घड़ी में हम आपके साथ मजबूती से खड़े हैं।"
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घात लगाकर किया गया हमला
एक बयान में कहा गया कि अब काफिले की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सेना सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गहन जांच कर रही हैं। काफिले पर घात लगाकर किए गए हमले के पीछे के आतंकवादियों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। भारतीय वायु सेना के वाहनों को हवाई अड्डे के अंदर शाहसितार के पास सामान्य क्षेत्र में सुरक्षित कर दिया गया है।
33 वर्षीय विक्की पहाड़े 2011 हुए थे शामिल
छिंदवाड़ा के नोनिया करबल निवासी 33 वर्षीय कॉर्पोरल विक्की पहाड़े 2011 में वायुसेना में शामिल हुए थे। उनके परिवार में मां दुलारी बाई, पत्नी रीना और पांच साल का बेटा हार्दिक हैं। पिता दिमाक चंद का निधन हो चुका है। तीन बहनों की शादी हो चुकी है। 10 दिन पहले ही उनकी छोटी बहन की गोदभराई की रस्म हुई थी।
इसलिए वह एक महीने की छुट्टी लेकर गांव आया और 18 अप्रैल को ही ड्यूटी पर लौटा। विक्की को अपने पांच साल के बेटे का जन्मदिन मनाने के लिए 7 मई को छिंदवाड़ा आना था, लेकिन उससे पहले ही उसके बलिदान की खबर गांव में पहुंच गई। उनकी शहादत की खबर सुनकर उनकी पत्नी और मां बेहोश हो गईं। उनका पार्थिव शरीर रविवार शाम तक उनके पैतृक गांव नोनिया करबल पहुंचने की उम्मीद है।