
नई दिल्लीः भारत ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले वर्ष हुई सैन्य मुठभेड़ के बारे में चीनी प्रवक्ता के भारत को जिम्मेदार ठहराने वाले दावे को खारिज किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी सीमा में पिछले साल हुए घटनाक्रम पर भारत का शुरू से ही एक जैसी और स्पष्ट स्थिति रही है। सैन्य संघर्ष के लिए चीनी पक्ष ने उकसाया था। चीन ने एक तरफा ढंग से यथास्थिति में बदलाव करने का प्रयास किया। यह प्रयास सभी द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन था। नतीजन शांति और सामान्य स्थिति गंभीर रूप से बिगड़ी। प्रवक्ता ने कहा कि चीन की कार्रवाई से द्विपक्षीय संबंधों पर भी असर पड़ा है।
अपने वक्तव्य में प्रवक्ता ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस माह के शुरुआत में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से हुई वार्ता का हवाला दिया। इसमें विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत अपेक्षा करता है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बकाया मुद्दों को शीघ्र हल तलाशने के लिए काम करेगा। साथ ही वह द्विपक्षीय समझौतों और सहमतियों का पूरी तरह पालन करेगा।
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उल्लेखनीय है कि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि गलवान घाटी की घटना भारत की ओर से संधियों और समझौतों का उल्लंघन थी। चीनी प्रवक्ता का दावा था कि भारतीय सेना ने चीनी क्षेत्र में अवैध रूप से घुसपैठ की और वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया।