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बाल श्रम को रोके बिना नहीं हो सकती भारत की तरक्की

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लखनऊः बाल श्रम की समस्या सिर्फ भारत की नहीं वरन पूरे विश्व में फैली है। बच्चों का बचपन अपने सुनहरे सपनों की जगह किसी की गाड़ी चमका रहा है तो कहीं अपने नाजुक कंधों पर बोझ ढोकर पूरे परिवार का पेट पाल रहा है। बाल श्रम के प्रति विरोध तथा इसके लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष 12 जून को दुनियाभर में ‘बाल श्रम निषेध दिवस’ मनाया जाता है। सरकार भी इस नासूर को खत्म करने कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।

इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन के द्वारा वर्ष 2016 में लिए गए डाटा से पता चलता है कि भारत बाल श्रम से बच्चों को मुक्त करने के मामले में अभी भी मीलों दूर है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच और 17 वर्ष की उम्र के बीच 13 करोड़ बच्चों को अवांछनीय परिस्थितियों में श्रम करने को मजबूर किया जा रहा है। बाल श्रम केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, यह एक वैश्विक घटना है। भारतीय संविधान के अनुसार किसी उद्योग, कल-कारखाने या किसी कंपनी में मानसिक या शारीरिक श्रम करने वाले 5-14 वर्ष उम्र के बच्चों को बाल श्रमिक कहा जाता है।

हालांकि, उम्र को लेकर कई देशों के अपने अलग विचार हैं जैसे कि संयुक्त राष्ट्र संघ 18 वर्ष से कम उम्र के श्रम करने वाले लोगों को बाल श्रमिक मानता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन बाल श्रम की उम्र 15 साल तक मानता है। वहीं अमेरिका में 12 साल या उससे कम उम्र के लोगों को बाल श्रमिक माना जाता है।

अगर मौजूदा समय में भारत की बाल श्रम की स्थिति देखें तो करोड़ों बच्चे पढ़ने-लिखने, खेलने-कूदने की उम्र में देशभर के विभिन्न हिस्सों में कालीन, रत्न पॉलिश, ज्वैलरी, पीतल, कांच, बीड़ी उद्योग, हस्तशिल्प, पत्थर खुदाई, चाय बागान, बाल वेश्यावृत्ति इत्यादि कार्यों में लिप्त हैं। एक ओर जहां श्रम कार्यों में लिप्त बच्चों का बचपन श्रम की भट्ठी में झुलस रहा है, वहीं कम उम्र में खतरनाक कार्यों में लिप्त होने के कारण ऐसे अनेक बच्चों को कई प्रकार की बीमारियां होने का खतरा भी रहता है।

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बाल श्रम की समस्या को मिटाने के बारे में नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का कहना है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति, पर्याप्त संसाधनों, सामूहिक कार्यों और वंचित बच्चों के प्रति पर्याप्त सहानुभूति से ही इस समस्या को समाप्त किया जा सकता है। वह कहते हैं कि जिस दिन हम एक गरीब के बच्चे के साथ भी अपने बच्चों की तरह व्यवहार करने लगेंगे, बाल श्रम स्वतः ही खत्म हो जाएगा।